क्या सोशल मीडिया पर फेक अकाउंट बनाकर जातीय संघर्ष की स्थिति पैदा कर रहे हैं कुछ लोग?

सारांश
Key Takeaways
- सोशल मीडिया पर फेक अकाउंट का प्रयोग जातीय संघर्ष के लिए किया जा रहा है।
- मुख्यमंत्री ने इस समस्या के प्रति जागरूकता बढ़ाने की बात की।
- सख्त कार्रवाई की जा रही है ऐसे तत्वों के खिलाफ।
वाराणसी, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सोशल मीडिया पर फेक अकाउंट बनाकर कुछ लोग जातियों के बीच संघर्ष उत्पन्न करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने वाराणसी में 'धरती आबा' भगवान बिरसा मुंडा पर आधारित राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन कार्यक्रम में यह बात कही।
मुख्यमंत्री ने बताया, "हमारी चुनौती यह है कि कुछ लोग समाज के लोगों को मुख्यधारा से अलग करने का प्रयास कर रहे हैं। ये लोग सोशल मीडिया पर फेक अकाउंट बनाकर जातीय संघर्ष की स्थिति पैदा करते हैं। इनसे सख्ती से निपटा जा रहा है।"
सीएम योगी ने आगे कहा, "कुछ वर्ष पहले एक घटना में आगजनी हुई थी, जिसमें एक व्यक्ति भगवा गमछा ओढ़े हुए था और उसके मुंह से 'या अल्लाह' निकला था। ऐसे लोगों की पहचान करना आवश्यक है।"
उन्होंने मुहर्रम के दौरान ताजिये की लंबाई सीमित रखने के नियमों का भी उल्लेख किया, ताकि किसी तरह की दुर्घटना से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि जौनपुर में एक घटना में ताजिये को इतनी ऊंचाई पर रखा गया कि लोग हाई टेंशन लाइन की चपेट में आ गए, जिससे कई लोग मारे गए। इसलिए मैंने कहा, 'लाठी मारो इनको, ये लातों के भूत हैं, बातों से नहीं मानेंगे।' इसका किसी ने विरोध नहीं किया।
मुख्यमंत्री योगी ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में कोई भी अस्त्र-शस्त्र लेकर प्रदर्शन नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्री अब भक्ति भावना से चलते हैं और लंबी दूरी तय करते हैं, लेकिन उनका भी मीडिया में परीक्षण होता है। उन्हें उपद्रवी आतंकवादी तक कहा जाता है। यह मानसिकता भारत की विरासत और आस्था को अपमानित करने का काम करती है। यही लोग सोशल मीडिया पर फेक अकाउंट बनाकर जातीय संघर्ष फैलाते हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सर्किट हाउस में विकास कार्यों और कानून व्यवस्था की समीक्षा की और पुलिस अधिकारियों को सोशल मीडिया पर फेक अकाउंट बनाने वालों पर नजर रखने का निर्देश दिया।