क्या सेंट कोलंबस स्कूल के छात्र की आत्महत्या के पीछे शिक्षकों की भूमिका है?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली पुलिस ने मामले में तेजी से जांच शुरू की है।
- स्कूल में छात्रों के लिए सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य की आवश्यकता है।
- पेरेंट्स और स्टूडेंट्स ने जवाबदेही की मांग की है।
- टीचर्स का व्यवहार सुधारने की आवश्यकता है।
- सुसाइड नोट से हैरासमेंट के आरोप सामने आए हैं।
नई दिल्ली, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के सेंट कोलंबस स्कूल के 10वीं कक्षा के छात्र द्वारा आत्महत्या के मामले में जांच तेज हो गई है। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को स्कूल के तीन शिक्षकों को पूछताछ के लिए बुलाया है। इससे पहले, रविवार को दो शिक्षकों से पूछताछ की गई थी।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, इस मामले में गंभीरता से जांच की जा रही है। घटना से जुड़े हर पहलू की गहराई से जांच की जा रही है। पुलिस ने बताया कि सोमवार को स्कूल के तीन शिक्षकों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। पुलिस ने इससे पहले दो शिक्षकों और कुछ छात्रों के भी बयान दर्ज किए हैं।
ज्ञात हो कि राजेंद्र प्लेस मेट्रो स्टेशन पर सेंट कोलंबस स्कूल के 10वीं के 16 वर्षीय छात्र ने सुसाइड कर लिया था। छात्र के पास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ था, जिसमें उसने स्कूल के एक शिक्षक पर हैरेसमेंट का आरोप लगाया और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। जानकारी के अनुसार, छात्र 18 नवंबर को घर से स्कूल जाने के लिए निकला था, उस समय उसके पिता घर से बाहर थे।
इस घटना के बाद गुस्सा फैल गया और पेरेंट्स और स्टूडेंट्स स्कूल के बाहर जमा हो गए और आरोपों में नामजद लोगों के खिलाफ जवाबदेही और सख्त कार्रवाई की मांग की। पेरेंट्स ने आरोपियों के खिलाफ तुरंत और सख्त कार्रवाई की मांग की। कई अभिभावकों ने आरोप लगाया कि स्कूल में माहौल डर का है और कुछ टीचर्स बच्चों के साथ लगातार बुरा व्यवहार करते हैं।
मृतक के पिता द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के अनुसार, टीचर्स द्वारा लगातार परेशान किए जाने की वजह से स्टूडेंट बहुत ज्यादा मानसिक तनाव में था। पिता ने आरोप लगाया कि उनके बेटे ने कुछ टीचरों के बारे में बार-बार शिकायत की थी जो छोटी-छोटी बातों पर उसे डांटते, बेइज्जत करते और मानसिक रूप से परेशान करते थे। एफआईआर में आगे कहा गया है कि स्कूल अधिकारियों से कई बार मौखिक शिकायत करने के बावजूद, कथित व्यवहार जारी रहा। परिवार ने लड़के के आखिरी हफ्तों को बढ़ते दुख का समय बताया और कहा कि टीचरों और प्रिंसिपल से उनकी अपील का कोई जवाब नहीं मिला।