क्या चुनाव आयोग 'भाजपा कमीशन ऑफ इंडिया' बन गया है? : सुधाकर सिंह

सारांश
Key Takeaways
- लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा आवश्यक है।
- चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
- राजद का तेजस्वी यादव को सीएम का चेहरा बताना।
- मतदाता सूची में वृद्धि और कमी के मुद्दे।
- विरोध-प्रदर्शन की चेतावनी।
पटना, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। राजद नेता सुधाकर सिंह ने शनिवार को आरोप लगाया कि चुनाव आयोग अब ‘भाजपा कमीशन ऑफ इंडिया’ में तब्दील हो गया है, जो केवल भाजपा को राजनीतिक लाभ पहुंचाने के लिए कार्य कर रहा है। एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में ऐसी स्थिति को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
सुधाकर सिंह ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में यह भी कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी जीत की ओर बढ़ रही थी, लेकिन अंतिम क्षणों में पूरी स्थिति बदल गई।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में 'इंडिया' ब्लॉक ने अच्छा प्रदर्शन किया था, जिससे हम उत्साहित थे। लोकसभा चुनाव के कुछ महीनों बाद महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई थी। इस चुनाव में भी हम अच्छा करने की स्थिति में थे, किंतु चुनाव आयोग के पक्षपातपूर्ण रवैये ने सब कुछ बदल दिया।
उन्होंने यह भी दावा किया कि जब मतदाता सूची की समीक्षा की गई, तो चुनाव आयोग ने 70 लाख मतदाताओं को जोड़ा, जो पिछले पांच सालों में नहीं हुआ था। चुनाव आयोग ने इसी नीति के तहत दिल्ली में भी कार्य किया। वहां नए मतदाता जोड़कर अरविंद केजरीवाल को चुनाव में पराजित किया गया। अब इस प्रयोग को बिहार में भी लागू किया जा रहा है, जो लोकतंत्र के लिए खतरा है।
उन्होंने बताया कि बिहार में मतदाता सूची की समीक्षा के बाद साढ़े चार लाख मतदाताओं के नाम काटने का निर्णय चुनाव आयोग ने लिया था।
सुधाकर सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग भाजपा के इशारों पर काम कर रहा है ताकि उन्हें राजनीतिक लाभ मिल सके। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भाजपा ऐसा करने की कोशिश करेगी, तो हम बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन करेंगे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में चुनाव आयोग जिस तरह से कार्य कर रहा है, उससे यह स्पष्ट हो रहा है कि भविष्य में भूमिहीन और निरक्षर लोगों को मतदान का अधिकार नहीं मिलेगा। यह हमेशा से आरएसएस और भाजपा का एजेंडा रहा है कि सभी को मतदान का अधिकार नहीं मिले।
सुधाकर सिंह ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा बताते हुए कहा कि राजद पिछले 10 साल से कहती आ रही है कि तेजस्वी यादव ही सीएम की कुर्सी पर बैठेंगे। लेकिन अन्य दल के नेताओं द्वारा दिए गए बयानों के लिए उन्हें अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।