क्या पश्चिम बंगाल में सुकांत मजूमदार की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- सुकांत मजूमदार की गिरफ्तारी के खिलाफ भाजपा का प्रदर्शन
- प्रदर्शन में धारा 144 का उल्लंघन
- सजल घोष का तृणमूल कांग्रेस पर हमला
- राज्य में लोकतंत्र की स्थिति पर सवाल
- पुलिस की कार्रवाई की आलोचना
कोलकाता, 29 जून (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सजल घोष और दो अन्य भाजपा पार्षदों को पुलिस ने हिरासत में लिया। यह कार्रवाई भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान की गई।
प्रदर्शन के दौरान इलाके में धारा 144 लागू होने के कारण पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया। यह घटना राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाती है।
हिरासत में लिए जाने के बाद, सजल घोष ने मीडिया से बात करते हुए तृणमूल कांग्रेस पर कड़ी आलोचना की। उन्होंने हाल ही में साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज की एक छात्रा के साथ हुए कथित बलात्कार की घटना को लेकर तृणमूल नेताओं के बयानों पर निशाना साधा। घोष ने कहा, "ऐसे मामले अब तृणमूल के लिए रोज की कहानी बन गए हैं। उनकी सरकार कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में पूरी तरह विफल रही है।"
भाजपा कार्यकर्ता सुकांत मजूमदार की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए सड़क पर उतरे। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने ममता बनर्जी की सरकार के खिलाफ नारे लगाए और कोलकाता की सड़कों पर हंगामा किया। हालाँकि, पुलिस ने धारा 144 का हवाला देते हुए इस प्रदर्शन को अवैध करार दिया और तुरंत सजल घोष और अन्य दो पार्षदों को हिरासत में ले लिया।
साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में एक छात्रा के साथ हुए गैंगरेप के खिलाफ शनिवार को केंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के नेतृत्व में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस ने सुकांत मजूमदार को भी हिरासत में लिया।
हिरासत में लिए जाने पर सुकांत मजूमदार ने कहा, "यह पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र का चेहरा है। ममता बनर्जी ने राज्य में लोकतंत्र को बर्बाद कर दिया है। पुलिस ने मुझे और अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है, केवल इसलिए कि हम एक जघन्य अपराध के खिलाफ आवाज उठा रहे थे।"