क्या सुप्रीम कोर्ट ने बिहार की मतदाता सूची से हटाए गए 65 लाख नामों को सार्वजनिक करने का निर्देश दिया?

सारांश
Key Takeaways
- सुप्रीम कोर्ट का आदेश मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए है।
- हटाए गए नामों की जानकारी सोशल मीडिया पर भी साझा की जाएगी।
- मतदाता अपने नाम जोड़ने के लिए क्लेम आधार कार्ड प्रस्तुत कर सकते हैं।
नई दिल्ली, 14 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार की ड्राफ्ट मतदाता सूची से हटाए गए 65 लाख लोगों के नाम और उनके हटने के कारणों को सार्वजनिक करने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से आदेश दिया है कि मंगलवार तक जिला स्तर पर आयोग की वेबसाइट पर यह पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई जाए, जिसमें यह स्पष्ट हो कि किसके नाम को मृत्यु, प्रवास या दोहराव के कारण हटाया गया है।
कोर्ट ने यह भी कहा कि बूथ स्तर के अधिकारी भी हटाए गए मतदाताओं की सूची अपने स्तर पर प्रदर्शित करेंगे और इसकी व्यापक प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी टीवी, रेडियो और अखबारों के जरिए निभाई जाएगी।
कोर्ट ने आगे कहा कि जिला निर्वाचन अधिकारी अपनी सोशल मीडिया वेबसाइट पर भी इस बारे में सूचनाएं साझा करें। लोग अपने नाम शामिल करने के लिए अपने क्लेम आधार कार्ड के साथ प्रस्तुत कर सकते हैं। सभी बीएलओ और पंचायत दफ्तर में भी हटाए गए वोटरों की सूची प्रदर्शित की जाएगी।
सुनवाई के दौरान जस्टिस जॉयमाल्या बागची ने कहा कि बिहार लोकतंत्र की जन्मभूमि है और मतदाता सूची में पारदर्शिता आवश्यक है। कोर्ट ने यह भी पूछा कि मृत, विस्थापित या मल्टीपल रजिस्ट्रेशन वाले मतदाताओं की सूची सीधे वेबसाइट पर क्यों नहीं डाली जा रही, ताकि आम मतदाता को सुविधा हो और नकारात्मक धारणा खत्म हो सके।
चुनाव आयोग के वकील राकेश द्विवेदी ने बताया कि 1 अप्रैल 2025 तक बिहार में कुल मतदाता 7.89 करोड़ थे, जिनमें से 7.24 करोड़ ने फॉर्म भरे, जबकि 65 लाख नाम ड्राफ्ट लिस्ट से बाहर हो गए हैं, जिनमें 22 लाख मृत घोषित किए गए हैं। द्विवेदी ने स्पष्ट किया कि ड्राफ्ट रोल में किसी का नाम बिना कारण नहीं हटाया गया है और जिन लोगों ने केवल फॉर्म भरे हैं, उन्हें अगस्त में दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।
कोर्ट ने निर्देश दिया कि हटाए गए मतदाताओं की सूची जिला निर्वाचन अधिकारी के दफ्तर, पंचायत कार्यालय और बीएलओ के पास भी प्रदर्शित की जाए, साथ ही इसे सोशल मीडिया पर भी साझा किया जाए, ताकि लोग अपने नाम शामिल करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों के साथ दावा प्रस्तुत कर सकें।