क्या सुप्रीम कोर्ट ने शारदा चिटफंड घोटाले में डीजीपी राजीव कुमार को राहत दी?

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क्या सुप्रीम कोर्ट ने शारदा चिटफंड घोटाले में डीजीपी राजीव कुमार को राहत दी?

सारांश

सुप्रीम कोर्ट ने शारदा चिटफंड घोटाले में पश्चिम बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार को मिली अग्रिम जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका को खारिज कर दिया है। यह निर्णय सीबीआई द्वारा 2019 में दायर की गई याचिका के बाद आया है, जो कि अब लंबित थी। जानिए इस मामले के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की याचिका को खारिज किया।
  • राजीव कुमार को मिली अग्रिम जमानत की पुष्टि हुई।
  • पश्चिम बंगाल सरकार ने सीबीआई की कार्रवाई का विरोध किया।
  • यह मामला राजनीतिक तनाव को दर्शाता है।
  • अवमानना का मामला लंबित है।

नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। शारदा चिटफंड घोटाला से संबंधित मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और राज्य के डीजीपी राजीव कुमार को दी गई अग्रिम जमानत को चुनौती देने वाली केंद्रीय जांच ब्यूरो की याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका सीबीआई ने 2019 में दायर की थी और तब से यह लंबित थी।

हालांकि, कोर्ट ने राजीव कुमार के खिलाफ चल रहे अदालत की अवमानना के एक अन्य मामले की सुनवाई आठ सप्ताह बाद करने का निर्णय लिया है।

सुनवाई के दौरान, पश्चिम बंगाल सरकार ने सीबीआई की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि जांच एजेंसी ने पांच वर्षों में राजीव कुमार से कभी पूछताछ नहीं की है और अब अग्रिम जमानत रद्द करने की मांग कर रही है, जबकि अवमानना का मामला पहले से ही लंबित है।

यह मामला जनवरी 2019 में केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच उत्पन्न एक अभूतपूर्व टकराव से जुड़ा है।

उस समय, सीबीआई की एक टीम राजीव कुमार से पूछताछ के लिए उनके आधिकारिक आवास पर पहुंची थी, लेकिन स्थानीय पुलिस द्वारा एजेंसी के अधिकारियों को हिरासत में लिए जाने के कारण उन्हें लौटना पड़ा था। इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजीव कुमार के बचाव में धरना शुरू कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने 29 नवंबर, 2019 को सीबीआई की अपील पर राजीव कुमार से जवाब मांगा था, जिसमें एजेंसी को यह स्पष्ट करने को कहा गया था कि उन्हें हिरासत में लेने की आवश्यकता क्यों है। अब अग्रिम जमानत को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका खारिज होने के बाद डीजीपी राजीव कुमार को बड़ी राहत मिली है।

इससे पहले, वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार को 1 अक्टूबर 2019 को अग्रिम जमानत दी गई थी, जिसमें उनके वकील ने कहा था कि पिछले छह वर्षों में सीबीआई ने उन्हें एक बार भी जांच के लिए नहीं बुलाया है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि शारदा चिटफंड घोटाला केवल एक कानूनी मामला नहीं है, बल्कि यह राजनीति और न्यायपालिका के बीच संबंधों को भी उजागर करता है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय न केवल राजीव कुमार के लिए राहत है, बल्कि यह न्याय प्रणाली की स्वतंत्रता और शक्ति को भी दर्शाता है।
NationPress
19/10/2025

Frequently Asked Questions

क्या सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की याचिका को खारिज किया?
जी हां, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की याचिका को खारिज कर दिया है।
राजीव कुमार को कब अग्रिम जमानत मिली थी?
राजीव कुमार को 1 अक्टूबर 2019 को अग्रिम जमानत मिली थी।
शारदा चिटफंड घोटाले का मुख्य मुद्दा क्या है?
यह मामला पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्रीय जांच ब्यूरो के बीच टकराव से जुड़ा है।