क्या स्वामी कोरगज्जा मंदिर में न्याय के देवता की पूजा होती है?

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क्या स्वामी कोरगज्जा मंदिर में न्याय के देवता की पूजा होती है?

सारांश

मैंगलोर स्थित स्वामी कोरगज्जा मंदिर, न्याय और सुरक्षा के देवता के रूप में पूजा जाता है। हर अमावस्या की रात यहां विशेष अनुष्ठान होते हैं, जहां भक्तों की भारी भीड़ होती है। क्या आप इस अद्भुत मंदिर के रहस्यों के बारे में जानते हैं?

Key Takeaways

  • स्वामी कोरगज्जा मंदिर न्याय और सुरक्षा का प्रतीक है।
  • यहां अमावस्या की रात विशेष अनुष्ठान होते हैं।
  • मंदिर में धर्म का कोई बंधन नहीं है।
  • कोला उत्सव में घास और पत्तों का उपयोग होता है।
  • यहां प्रसाद के रूप में मदिरा, चकली और सुपारी अर्पित की जाती है।

नई दिल्ली, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक के मैंगलोर में एक ऐसा मंदिर है, जहां भक्त सुरक्षा और न्याय पाने के लिए बड़ी संख्या में आते हैं। अमावस्या की रात को यहां विशेष अनुष्ठान आयोजित होते हैं। हर अमावस्या की रात, स्वामी कोरगज्जा मंदिर में एक अद्भुत और दैवीय दृश्य देखने को मिलता है।

मैंगलोर के निकट एक गांव में स्थित, स्वामी कोरगज्जा मंदिर को धर्म के देवता के रूप में पूजा जाता है। स्थानीय लोगों का विश्वास है कि स्वामी कोरगज्जा भगवान शिव के अवतार हैं और वह पूरे क्षेत्र की सुरक्षा करते हैं।

मंदिर में कोरगज्जा की मूर्ति के पास एक नाग भी होता है। भक्तों की मान्यता है कि यह नाग स्वामी कोरगज्जा का ही रूप है, जो भक्तों की समस्याओं का समाधान करता है। इस मंदिर से जुड़ी कई रहस्यमयी कहानियाँ प्रचलित हैं।

स्वामी कोरगज्जा का मंदिर न्याय का स्थान माना जाता है। भक्तों का इतना दृढ़ विश्वास है कि वे मानते हैं कि यहां की गई हर मनोकामना अवश्य पूरी होती है। यहां प्रसाद के रूप में मदिरा, चकली और सुपारी अर्पित की जाती है।

इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां पर धर्म का कोई बंधन नहीं है। विभिन्न धर्मों के लोग स्वामी कोरगज्जा का आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं। भक्तों का मानना है कि अज्जा के लिए हर व्यक्ति समान है। मंदिर में स्वामी कोरगज्जा को प्रसन्न करने के लिए हर साल पारंपरिक कोला उत्सव का आयोजन किया जाता है, जिसमें लोग घास और पत्तों को लपेटकर कोरगज्जा के गीत गाते हैं। पुरातन समय से ही इस उत्सव में महिलाओं का आना मना है।

स्वामी कोरगज्जा के मंदिर मात्र मैंगलोर में ही नहीं, बल्कि कर्नाटक के कई गांवों में भी स्थित हैं। हर मंदिर भक्तों को न्याय और खोई हुई वस्तुओं को वापस दिलाने के लिए प्रसिद्ध है।

Point of View

बल्कि यह समाज में एकता और समानता का प्रतीक भी है। विभिन्न धर्मों के लोग यहां एकत्र होते हैं, जो इस बात को दर्शाता है कि मानवता की सेवा का कोई धर्म नहीं होता।
NationPress
26/11/2025

Frequently Asked Questions

स्वामी कोरगज्जा मंदिर में कौन-कौन से अनुष्ठान होते हैं?
स्वामी कोरगज्जा मंदिर में अमावस्या की रात विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं, जहां भक्त अपने मनोकामनाएं पूरी करने के लिए आते हैं।
क्या स्वामी कोरगज्जा भगवान शिव के अवतार हैं?
हाँ, स्थानीय लोगों का मानना है कि स्वामी कोरगज्जा भगवान शिव के अवतार हैं, जो पूरे क्षेत्र की सुरक्षा करते हैं।
इस मंदिर में प्रसाद के रूप में क्या अर्पित किया जाता है?
इस मंदिर में प्रसाद के रूप में मदिरा, चकली और सुपारी अर्पित की जाती है।
कोला उत्सव क्या है?
कोला उत्सव एक पारंपरिक उत्सव है, जिसमें लोग घास और पत्तों को लपेटकर कोरगज्जा के गीत गाते हैं।
क्या इस मंदिर में सभी धर्मों के लोग आते हैं?
जी हाँ, स्वामी कोरगज्जा मंदिर में विभिन्न धर्मों के लोग आकर आशीर्वाद लेते हैं, क्योंकि यहां धर्म का कोई बंधन नहीं है।
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