क्या संकट की घड़ी में तमिलनाडु सरकार किसानों के साथ खड़ी है?
सारांश
Key Takeaways
- तमिलनाडु सरकार ने 289.63 करोड़ रुपए का मुआवजा स्वीकृत किया है।
- 5.66 लाख एकड़ कृषि और बागवानी फसलें प्रभावित हुई हैं।
- किसानों को राहत राशि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से मिलेगी।
चेन्नई, 24 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु सरकार ने नवंबर और दिसंबर 2024 के बीच उत्तर-पूर्वी मानसून और जनवरी 2025 में बेमौसम बारिश के कारण फसलों को हुए भयंकर नुकसान के लिए किसानों को 289.63 करोड़ रुपए के मुआवजे की स्वीकृति दी है।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के निर्देश पर स्वीकृत यह राहत पैकेज प्रभावित किसानों को तुरंत सहायता प्रदान करने के लिए है।
एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस अवधि में हुई भारी बारिश के चलते 5.66 लाख एकड़ में उगाई गई कृषि और बागवानी फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है।
मुख्यमंत्री के आदेशों के अनुसार, प्रभावित जिलों में राजस्व और कृषि विभागों ने संयुक्त सर्वेक्षण किए हैं।
इन सर्वेक्षणों में पाया गया कि फसलों को 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है, जिसके चलते किसान आपदा राहत मानदंडों के तहत मुआवजे के पात्र हो गए हैं।
जिला कलेक्टरों द्वारा प्रस्तुत विस्तृत आकलन के आधार पर, सरकार ने अनुमान लगाया कि 4.90 लाख एकड़ फसल और 76,132 एकड़ बागवानी फसलें प्रभावित हुई हैं, जिससे कुल प्रभावित क्षेत्र 5.66 लाख एकड़ हो गया है।
इन निष्कर्षों को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने 3.60 लाख किसानों के लिए मुआवजे को मंजूरी दी है।
स्वीकृत राशि में से भारी बारिश से प्रभावित 2.80 लाख कृषि किसानों को 254.38 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
इसके अतिरिक्त, इसी अवधि में फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले 80,383 बागवानी किसानों के लिए 35.25 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
सरकार ने बताया कि राहत राशि की पारदर्शिता और समय पर वितरण सुनिश्चित करने के लिए, इसे सीधे पात्र किसानों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) प्रणाली के माध्यम से जमा किया जाएगा।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री एमआरके पन्नीरसेल्वम ने कहा कि राज्य सरकार संकट के इस समय में किसानों के साथ खड़ी है और मुआवजा बिना किसी देरी के लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में, सरकार अनियमित मौसम के प्रभावों को कम करने के लिए त्वरित कार्रवाई कर रही है।