क्या तमिलनाडु बस हादसे पर पीएम मोदी ने संवेदना व्यक्त की है?
सारांश
Key Takeaways
- तमिलनाडु में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है।
- प्रधानमंत्री मोदी ने पीड़ितों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की।
- स्थानीय लोगों ने बचाव कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- दुर्घटना के कारणों की जांच जारी है।
- घायलों का उपचार अस्पतालों में चल रहा है।
नई दिल्ली, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के शिवगंगा में हुए सड़क हादसे पर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त किया है। इसके साथ ही पीड़ित परिवारों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की गई। इस दर्दनाक हादसे में कम से कम 12 लोगों की जान चली गई और लगभग 40 अन्य घायल हुए हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "तमिलनाडु के शिवगंगा में हुए इस हादसे में लोगों की जान जाना बहुत दुखद है। मेरी संवेदनाएं उन सभी के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल लोग शीघ्र स्वस्थ हो जाएं।"
उन्होंने घोषणा की कि प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से मृतकों के आश्रितों को 2 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी जाएगी, जबकि घायलों को 50,000 रुपए का मुआवजा मिलेगा।
यह दुर्घटना रविवार शाम को कुंद्राकुडी के पास कुम्मनगुडी में हुई, जब तमिलनाडु सरकार की दो बसें आमने-सामने टकरा गईं। कई यात्रियों की मौके पर ही मृत्यु हो गई, जबकि कुछ लोग बसों के टूटे-फूटे हिस्सों में फंस गए।
स्थानीय लोग तुरंत बचाव कार्य में मदद करने के लिए दुर्घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने स्थानीय लोगों के सहयोग से घायलों को क्षतिग्रस्त वाहनों से निकाला और अस्पताल भेजा। मरने वालों की संख्या बढ़ने पर आपातकालीन टीमें देर रात तक काम करती रहीं।
अधिकारियों ने दुर्घटना का कारण जानने के लिए जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में तेज रफ्तार, कम दृश्यता या चालक की थकान जैसे कारकों की बात सामने आ रही है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि पूरी जांच के बाद ही सही कारण पता चलेगा।
पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारियों ने सोमवार सुबह सड़क की स्थिति का आकलन करने और फोरेंसिक सबूत इकट्ठा करने के लिए दुर्घटनास्थल का निरीक्षण किया।
घायलों का अभी शिवगंगा और कराईकुडी के अस्पतालों में उपचार चल रहा है, जहां चिकित्सा टीमें फ्रैक्चर, सिर में चोट और अन्य गंभीर चोटों के कई मामलों का उपचार कर रही हैं। कई यात्रियों की स्थिति अभी गंभीर है, जिसके कारण डॉक्टरों को सतर्क रहना पड़ रहा है।
-- राष्ट्र प्रेस
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