क्या रविवार को तमिलनाडु के 10 जिलों में भारी बारिश होने वाली है?

सारांश
Key Takeaways
- भारी बारिश की चेतावनी, विशेषकर दस जिलों में।
- सतर्क रहने की सलाह, विशेषकर निचले क्षेत्रों में।
- भूस्खलन का खतरा, पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा से बचें।
- जलभराव वाले क्षेत्रों में यात्रा करते समय सावधानी बरतें।
- स्थानीय प्रशासन को नालियों की सफाई की आवश्यकता है।
चेन्नई, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु में एक बार फिर बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न करने वाली भारी बारिश का दौर शुरू होने जा रहा है। चेन्नई में स्थित क्षेत्रीय मौसम केंद्र (आरएमसी) ने रविवार को राज्य के कई हिस्सों में तेज़ वर्षा की भविष्यवाणी की है।
नवीनतम मौसम बुलेटिन के अनुसार, लगभग दस जिलों में गरज, बिजली और तेज़ हवाओं के साथ जोरदार बारिश की उम्मीद है।
मौसम विभाग ने कहा है कि कोयंबटूर, तिरुनेलवेली, नीलगिरी, थेनी, तेनकासी और मदुरै के पहाड़ी और आंतरिक क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना है, वहीं डिंडीगुल, तिरुचिरापल्ली, सलेम और नमक्कल जिलों में भी दिनभर तेज बारिश हो सकती है।
विभाग के मुताबिक, गरज-बरस के समय हवा की रफ्तार 40 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुँच सकती है और कुछ स्थानों पर बारिश की तीव्रता बहुत अधिक हो सकती है।
चेन्नई और उसके आस-पास के क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ आसमान दिनभर बादलों से ढका रह सकता है। आरएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि शहर और आसपास के कुछ हिस्सों में गरज और बिजली के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की आशंका है।
विभाग ने निचले और संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वालों को सतर्क रहने की सलाह दी है क्योंकि कुछ समय के अंतराल में बारिश की तीव्रता अचानक बढ़ सकती है। वहीं, गाड़ियों से यात्रा करने वालों को जलभराव वाले क्षेत्रों में सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
यह पूर्वानुमान शनिवार को हुई बारिश के बाद आया है, जिसमें कोयंबटूर, तिरुप्पुर, डिंडीगुल, थेनी, मदुरै, शिवगंगा, धर्मपुरी, सलेम, तिरुवन्नामलाई और तिरुपत्तूर जैसे कई जिलों में गरज और बिजली के साथ भारी बारिश हुई थी।
अब इन क्षेत्रों में नदियों-तालाबों के जलस्तर में वृद्धि के कारण अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी दिनों में उत्तर-पूर्व मानसून और भी तेज़ हो सकता है। इसलिए स्थानीय प्रशासन को बारिश के पानी निकालने वाली नालियों की सफाई और बाढ़ नियंत्रण दलों को तैयार रखने की सलाह दी गई है।
जनता से अपील की गई है कि वे पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा से बचें, क्योंकि वहां भूस्खलन का खतरा बना रह सकता है। इस वर्ष का मानसून अब तक अनिश्चित रूप से आगे बढ़ रहा है, जो बंगाल की खाड़ी के ऊपर लगातार बन रहे निम्न दबाव के कारण है, जो तमिलनाडु की मौसम प्रणाली को प्रभावित करता रहता है।