क्या गुजरात बना टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य?

सारांश
Key Takeaways
- गुजरात ने टीबी उन्मूलन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।
- सरकार ने मरीजों को मुफ्त इलाज और आर्थिक सहायता प्रदान की है।
- टीबी के लक्षणों की पहचान आवश्यक है।
- 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य है।
- लगभग 95% टीबी मरीजों की पहचान की गई है।
अहमदाबाद, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात ने राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत चलाए जा रहे प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान में उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित किए हैं। यहाँ न केवल टीबी मरीजों की पहचान बड़े पैमाने पर की जा रही है, बल्कि उनका मुफ्त इलाज भी सुनिश्चित किया जा रहा है।
गुजरात ने पूरे भारत में टीबी उन्मूलन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य का ख़िताब हासिल किया है। सरकार ने निक्षय पोषण योजना के तहत हर मरीज को इलाज के दौरान आर्थिक सहायता के रूप में एक हजार रुपए प्रति माह प्रदान करने का प्रावधान किया है, ताकि उन्हें कोई वित्तीय समस्या न हो।
अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के टीबी एवं चेस्ट विभाग के प्रभारी डॉ. घनश्याम बोरिसागर ने बताया कि खांसी, कफ, बुखार और अचानक वजन कम होना जैसे लक्षणों को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। ये टीबी के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में सरकारी या निजी अस्पताल में कफ की जांच कराना आवश्यक है और डॉक्टर से सलाह लेना भी ज़रूरी है।
जिला क्षय अधिकारी डॉ. चिराग धुवाड के अनुसार, हर महीने टीबी मरीजों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से एक हजार रुपये ट्रांसफर किए जाते हैं। इस प्रकार, इलाज की पूरी अवधि के दौरान, सरकार की ओर से निक्षय पोषण योजना के तहत यह सहायता उपलब्ध कराई जाती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 के अंत तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस दिशा में, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने 2024 में टीबी रोगियों की पहचान और पंजीकरण का 95 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया है, जिसमें 1,37,929 मरीजों की सफल पहचान की गई और 1,24,581 रोगियों का पूर्ण उपचार किया गया है। गुजरात सरकार ने निक्षय पोर्टल पर 10,682 निक्षय मित्रों का पंजीकरण किया है और इनके माध्यम से 3,49,534 पोषण किट्स का वितरण किया है। इन उपलब्धियों के साथ, गुजरात टीबी उन्मूलन में पूरे देश में सबसे उत्कृष्ट राज्य बन गया है।