क्या बिहार में धर्म और जाति देखकर राजनीति चलने वाली है? : तेजस्वी यादव

सारांश
Key Takeaways
- धर्म और जाति देखकर राजनीति नहीं चलेगी
- भाजपा की कार्यशैली पर सवाल उठाए गए
- तेजस्वी यादव ने खुद को कृष्ण का वंशज बताया
- बिहार में मुद्दों के आधार पर राजनीति होगी
- पेंशन योजना को लेकर भाजपा पर निशाना साधा गया
जमुई, 30 जून (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव अब तीन से चार महीने दूर हैं, लेकिन सत्तारूढ़ दल और विपक्ष के बीच बयानबाज़ी तेज़ हो गई है। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में धर्म और जाति देखकर राजनीति नहीं चलने वाली है। उन्होंने इस बातचीत में खुद को कृष्ण का वंशज बताते हुए अपनी पहचान साझा की।
तेजस्वी यादव ने जमुई में सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी के बयान पर सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि क्या भाजपा और सुधांशु त्रिवेदी का आज़ादी में कोई योगदान रहा है? क्या ये लोग अंग्रेजों के गुलाम नहीं थे?
भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने तेजस्वी यादव को वक्फ कानून के विरोध में आयोजित रैली में महागठबंधन की सरकार बनने पर वक्फ कानून को 'कूड़ेदान' में फेंकने का बयान देने पर घेरा था।
तेजस्वी यादव ने भाजपा और सुधांशु त्रिवेदी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, "क्या उनके पिता इमरजेंसी के दौरान जेल गए थे? मेरे पिता जेल गए थे। क्या ये लोग हमें सलाह देने का हक रखते हैं?"
उन्होंने आगे कहा, "भाजपा केवल धर्म के नाम पर बोलती है। हम भगवान श्रीकृष्ण के वंशज हैं। गीता का संदेश यादव समाज और पिछड़े समाज का है, लेकिन भाजपा वाले इसका अपमान करते हैं। यह उनकी असली पहचान है।"
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में वक्फ कानून को अचानक लागू नहीं होने दिया जाएगा। यहां धर्म और जाति देखकर राजनीति नहीं चलने वाली है; अब केवल कार्य और मुद्दों के आधार पर राजनीति होगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा के पास कोई ठोस उपलब्धि नहीं है। देश संविधान से चलता है और जो भी गैर-संवैधानिक चीजें होंगी, उन्हें कूड़ेदान में फेंक दिया जाएगा। उन्होंने बिहार सरकार द्वारा पेंशन की राशि बढ़ाने को नकल बताते हुए कहा कि जब हमने सरकार बनने पर इसे बढ़ाने की घोषणा की, तो भाजपा ने डर के मारे इसे बढ़ा दिया।