क्या विपक्ष ने तेजस्वी के बयान को सही बताया? भाजपा का पलटवार क्या है?

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क्या विपक्ष ने तेजस्वी के बयान को सही बताया? भाजपा का पलटवार क्या है?

सारांश

बिहार विधानसभा में तेजस्वी यादव के चुनाव बहिष्कार के बयान पर विपक्ष का समर्थन। सरकार पर सवाल खड़े हुए हैं। जानें क्या है इस विवाद के पीछे की कहानी।

Key Takeaways

  • तेजस्वी यादव का चुनाव बहिष्कार का बयान विपक्ष को मिला समर्थन।
  • सरकार और चुनाव आयोग पर उठ रहे गंभीर सवाल।
  • भाजपा का पलटवार और चुनाव प्रक्रिया पर आरोप
  • बिहार में एसआईआर से जुड़े विवाद का बढ़ता मुद्दा।
  • विपक्ष का प्रदर्शन और लोकतंत्र की रक्षा की मांग।

नई दिल्ली, 24 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के चुनाव बहिष्कार के बयान को विपक्षी दलों का समर्थन मिला है। विपक्ष ने तेजस्वी के बयान का हवाला देकर चुनाव आयोग और सरकार पर सवाल उठाए हैं। दूसरी ओर, सत्तापक्ष ने विपक्ष पर चर्चा से बचने का आरोप लगाया है।

राजद नेता तेजस्वी यादव के 'चुनावों का बहिष्कार' वाले बयान पर कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "मैं उनकी पार्टी या उनके फैसलों के बारे में नहीं बोल सकता, लेकिन स्थिति इतनी गंभीर है कि लोग पूरी चुनाव प्रक्रिया की ईमानदारी को लेकर वाकई चिंतित हैं। अगर हर चुनाव क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों को मताधिकार से वंचित किया जाता है, खासकर अगर यह टारगेट है, तो चुनाव की ईमानदारी सवालों के घेरे में आ जाती है। यह एक निष्पक्ष चुनाव नहीं रह जाएगा।"

सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने तेजस्वी के बयान का जिक्र करते हुए कहा, "बिहार के लोगों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ हमारा विरोध जारी रहेगा। वहां के लोगों से अनुचित तरीके से दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। इस समय बिहार में बाढ़ जैसे हालात हैं, यह कैसे संभव है? ये सुविधाएं हर गांव तक नहीं पहुंच सकतीं, तो लोगों से मतदाता सूची की पुष्टि की उम्मीद कैसे की जा सकती है? निष्पक्ष रूप से हम लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।"

बिहार एसआईआर पर कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने कहा, "चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठ रहा है और इसी बात को हम अपने विरोध प्रदर्शन के जरिए बता रहे हैं।"

भाजपा सांसद कंगना रनौत ने विपक्ष के विरोध प्रदर्शन पर सवाल उठाए। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, "विपक्ष की भी कई जिम्मेदारियां होती हैं, लेकिन जिस तरह से उनका व्यवहार है, यह पूरा देश देख रहा है। देख रहा है कि विपक्षी दल कैसे लोकतंत्र और संविधान का गला घोंट रहे हैं। वे इतना चिल्लाते हैं और चीखते हैं कि अपने आगे किसी की भी नहीं सुनते हैं। विपक्ष को जनता की कोई परवाह नहीं है।"

भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "विपक्ष के बहिष्कार के बावजूद बिहार की 99 प्रतिशत जनता ने फॉर्म भर दिया है। यह बात बताती है कि तेजस्वी यादव की हार निश्चित है। बायकॉट भागने वाले लोग करते हैं। मैं बता दूं कि एसआईआर इस वजह से हो रहा है क्योंकि राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में वोटर लिस्ट को लेकर शोर मचाया था। उन्होंने दावा किया था कि बहुत सारे नाम गलत तरीके से जुड़े हैं और इसी वजह से वे हारे हैं। अब इस बार वह कहेंगे कि बहुत सारे लोगों के नाम गलत तरीके से काटे गए हैं। यह बात सभी को समझ आ रही है कि तेजस्वी यादव और राहुल गांधी हारने के डर से बहाना खोज रहे हैं।"

एसआईआर पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा, "अगर 52 लाख वोट कट गए हैं, तो बिहार चुनाव का कोई मतलब नहीं रह गया है। चुनाव से पहले ही चुनाव आयोग ने भाजपा नेताओं को जीत का सर्टिफिकेट थमा दिया है। अगर एसआईआर को रोका जाए और जिन मतदाताओं के अधिकार छीने गए थे, उन्हें दोबारा वोट देने की अनुमति दी जाए, तो चुनाव का कोई मतलब होगा, वरना नहीं।"

केंद्रीय राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने तेजस्वी यादव के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा, "चुनाव आयोग द्वारा बनाए गए नियम सभी पर लागू होते हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि उन्हें बिहार के मूल मतदाताओं पर भरोसा नहीं है। इसके बजाय उन्हें प्रवासी मतदाताओं पर भरोसा है। चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार, किसी व्यक्ति के पास मतदाता सूची में उसका नाम, निवास का प्रमाण या पैतृक दस्तावेज होना चाहिए।"

भाजपा के राज्यसभा सांसद बृजलाल ने कहा, "यह उनकी (तेजस्वी यादव) चुनावी रणनीति का हिस्सा है। जहां तक एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) की बात है, यह जरूर होगा। तेजस्वी यादव इसलिए चिंतित हैं क्योंकि उनके पिता के समय से ही कई फर्जी मतदाताओं के नाम सूची में जुड़ गए थे और अब उन फर्जी मतदाताओं को हटाया जाएगा। मुझे लगता है कि उनकी जमीन खिसक गई है और इसलिए वे ऐसे बयान दे रहे हैं।"

कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा, "भाजपा की मौजूदा सरकार न सिर्फ लोकतांत्रिक व्यवस्था में संसदीय मर्यादा को कुचल रही है बल्कि संस्थाओं के जरिए मतदाताओं के अधिकारों को लूटने का काम कर रही है। पूरा विपक्ष लगातार एसआईआर का विरोध कर रहा है। आपको पूछना चाहिए कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार क्यों नहीं है। बिहार में चल रही एसआईआर की पूरी प्रक्रिया में खामियों की कई रिपोर्टें आ रही हैं, लेकिन चुनाव आयोग कुछ भी मानने को तैयार नहीं है।"

टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने तेजस्वी यादव के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव ने जो कहा है, वह बिलकुल सही है। उनकी मांगें सही हैं और वह जनता की बात को सबके सामने रख रहे हैं। राहुल गांधी भी इसी बात को उठा रहे हैं। मुझे लगता है कि इसका समाधान जल्द से जल्द होना चाहिए।

Point of View

NationPress
25/07/2025

Frequently Asked Questions

तेजस्वी यादव का चुनाव बहिष्कार का बयान क्या है?
तेजस्वी यादव ने चुनावों का बहिष्कार करने की बात कही है, जिससे विपक्षी दलों ने समर्थन किया है।
भाजपा का इस पर क्या कहना है?
भाजपा ने विपक्ष पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया है और तेजस्वी यादव की हार का दावा किया है।
क्या चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं?
हां, विपक्ष ने चुनाव आयोग की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
बिहार में एसआईआर का क्या मुद्दा है?
एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) के तहत मतदाता सूची में कई नामों में बदलाव हो रहा है, जिसे लेकर विवाद है।
विपक्ष का इस मुद्दे पर क्या रुख है?
विपक्ष लगातार एसआईआर का विरोध कर रहा है और इसे लोकतंत्र के लिए खतरा मानता है।