क्या तेजस्वी यादव के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है?

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क्या तेजस्वी यादव के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है?

सारांश

बिहार में चुनावी हलचल के बीच तेजस्वी यादव पर सतीश चंद्र दुबे का तीखा वार। क्या वास्तव में विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है? आइए जानते हैं इस राजनीतिक विवाद के पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • तेजस्वी यादव के पास ठोस मुद्दों की कमी है।
  • मतदाता सूची पुनरीक्षण पारदर्शिता को बढ़ाता है।
  • विपक्ष की आलोचना तात्कालिक चुनावी हार का संकेत है।
  • बिहार में विकास की गति तेजी से बढ़ रही है।
  • राजनीतिक दलों को मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

पटना, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव और महागठबंधन के अन्य दलों ने इस प्रक्रिया पर संदेहगरीबों और वंचित वर्गों के मताधिकार को छीनने की साजिश बताया है।

इस बीच, केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने तेजस्वी यादव और विपक्षी गठबंधन पर कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है। विपक्षी दल केवल तभी सवाल उठाते हैं, जब वे चुनाव हार जाते हैं या हार की आशंका होती है। जहां 'इंडिया' ब्लॉक के लोग जीत जाते हैं, वहां कोई सवाल नहीं उठता। लेकिन जहां हार की आशंका होती है, वहां ये लोग सवाल खड़े करने लगते हैं। इनके पास कोई मुद्दा नहीं है। बिहार की जनता ने आजादी के बाद कांग्रेस को और बाद में आरजेडी को लंबे समय तक मौका दिया, लेकिन इन दलों ने विकास की बजाय जंगलराज स्थापित किया। अब जब बिहार में विकास हो रहा है, तो विपक्ष को यह पच नहीं रहा

दुबे ने यह भी कहा कि बिहार की जनता अब विकास को देख रही है और वह केंद्र तथा राज्य की एनडीए सरकार की उपलब्धियों से संतुष्ट है। मतदाता सूची पुनरीक्षण पारदर्शिता बढ़ाने और फर्जी मतदाताओं को हटाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि वास्तविक मतदाता ही वोट डाल सकें। विपक्ष को इसमें आपत्ति क्यों है?

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में हाल ही में हुई रेप की घटना पर भी सतीश चंद्र दुबे ने तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "ममता बनर्जी एक महिला होते हुए भी महिलाओं के दर्द को नहीं समझतीं। उनकी अपनी पार्टी के गुंडों द्वारा ऐसी घटनाएं होती हैं, लेकिन वह कोई कार्रवाई नहीं कर पातीं। नैतिकता के आधार पर उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।"

बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने महागठबंधन की ओर से मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर सवाल खड़े किए जाने को निराधार बताया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि विपक्ष मानसिक तौर पर हार चुका है और परेशान है, क्योंकि उसके पाप उजागर हो रहे हैं। वह जानते थे कि जब एक-एक वोटर की पारदर्शिता स्पष्ट होगी तो उनकी कलई खुल जाएगी। उन्होंने कहा कि यह संवैधानिक संस्थान के निर्णय का अपमान है। यह संविधान विरोधी मानसिकता का सूचक है।

Point of View

यह स्थिति दर्शाती है कि राजनीतिक दलों को मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि केवल विरोध करने पर। बिहार में विकास की गति को समझना और स्वीकार करना जरूरी है।
NationPress
04/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या तेजस्वी यादव के पास कोई मुद्दा नहीं है?
सतीश चंद्र दुबे का आरोप है कि तेजस्वी यादव और विपक्षी गठबंधन के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है।
मतदाता सूची पुनरीक्षण का क्या महत्व है?
यह प्रक्रिया पारदर्शिता बढ़ाने और फर्जी मतदाताओं को हटाने में मदद करती है।
विपक्ष क्यों सवाल उठा रहा है?
विपक्ष का कहना है कि यह प्रक्रिया गरीबों के मताधिकार को छीनने की साजिश है।