क्या तेजस्वी यादव की सच्चाई अब सामने आ गई है? संजय मयूख का बयान

सारांश
Key Takeaways
- तेजस्वी यादव की राजनीतिक स्थिति अब सवालों के घेरे में है।
- भाजपा ने आगामी चुनावों के लिए एक मजबूत टीम बनाई है।
- कांग्रेस का तेजस्वी को अस्वीकार करना उनके लिए बड़ा झटका है।
- भाजपा की रणनीति बिहार के लोगों की आकांक्षाओं को समझने पर आधारित है।
- तेजस्वी के नेतृत्व की सच्चाई अब सामने आ रही है।
पटना, २५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय सह-मीडिया प्रभारी संजय मयूख ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस ने उन्हें गठबंधन का नेता मानने से स्पष्ट इनकार कर दिया है।
मयूख ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि तेजस्वी, जो खुद को बिहार की राजनीति में एक बड़ा नेता मानते थे, उनकी सच्चाई अब खुलकर सामने आ चुकी है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि यदि तेजस्वी सच में नेता हैं तो कांग्रेस के साथ गठबंधन का नेतृत्व स्वीकार करने की मांग क्यों नहीं करते?
मयूख ने कहा, “यह कांग्रेस और राजद का आंतरिक मामला है, इसमें भाजपा की कोई भूमिका नहीं है। हम पहले ही कह चुके थे कि यह गठबंधन अवास्तविक और ‘उल्टा-पुल्टा’ है। अब कांग्रेस ने तेजस्वी को नेता मानने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते वे अकेले रथ यात्रा निकालने को मजबूर हैं। बिहार की जनता ने भी उन्हें नकार दिया है।”
इस बीच, भाजपा ने आगामी बिहार विधानसभा चुनावों के लिए एक मजबूत रणनीति तैयार की है। मयूख ने बताया कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने अनुभवी नेताओं की एक मजबूत टीम बनाई है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को बिहार चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया है, जो लंबे समय से बिहार की राजनीति और सामाजिक ताने-बाने से जुड़े हुए हैं। उनके साथ केंद्रीय मंत्री सी.आर. पाटिल और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को सह-प्रभारी बनाया गया है।
मयूख का दावा है कि इस मजबूत नेतृत्व में भाजपा बिहार चुनाव में रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल करेगी।
उन्होंने कहा, “हमारी टीम बिहार के लोगों की आकांक्षाओं को समझती है और उनके लिए काम करने को तैयार है। यह गठबंधन और तेजस्वी के स्वयंभू नेतृत्व की सच्चाई को उजागर करता है।”