क्या तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार पर बिहार के प्रति सौतेले व्यवहार का आरोप लगाया?
सारांश
Key Takeaways
- बिहार के विकास के लिए तेजस्वी यादव का दृष्टिकोण सकारात्मक है।
- केंद्र सरकार के प्रति सवाल उठाते हुए उन्होंने सौतेले व्यवहार का आरोप लगाया।
- बिहार के लिए 20 महीने का समय मांगा गया है।
- तेजस्वी यादव ने गुजरात की तुलना में बिहार को बड़ा बताया।
- राजनीतिक माहौल में यह आरोप महत्वपूर्ण है।
पटना, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान राजद नेता तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार पर कड़ी आलोचना की। उन्होंने पटना में पीएम मोदी के रोड शो के संदर्भ में कहा कि चुनावी मौसम में उनका आना तो निश्चित है, लेकिन इससे बिहार को क्या लाभ होगा?
तेजस्वी ने कहा, "मुझे उनसे एक सवाल पूछना है: पिछले 11 वर्षों में गुजरात को क्या दिया गया और बिहार को क्या मिला?"
राजद नेता ने कहा कि बिहार बदलाव के लिए बेचैन है। यह चुनाव एक नए बिहार के निर्माण की दिशा में है। जैसे stagnant पानी सड़ जाता है, वैसे ही दो दशकों तक एक ही सरकार ने बिहार की दो पीढ़ियों को बर्बाद कर दिया है।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी ने कभी किसी का नुकसान नहीं किया है। तेजस्वी केवल एक मौका मांग रहे हैं। आपने एनडीए को 20 साल दिए, हमें 20 महीने दीजिए। हम मिलकर नया बिहार बनाएंगे और बिहारियों के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन लाएंगे।
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने गिफ्ट सिटी, बुलेट ट्रेन और सेमीकंडक्टर फैक्ट्रियों का विकास गुजरात में किया है। वे सबसे बड़ा स्टेडियम बनवाएंगे, निवेशकों की बैठकें आयोजित करेंगे और बड़ी कंपनियों को गुजरात में लाएंगे। वहीं, बिहार का शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे का बजट गुजरात में स्थानांतरित किया जाएगा। 11 वर्षों में डबल इंजन सरकार ने बिहार को क्या दिया, इसका तुलना करें।
तेजस्वी ने कहा, "बिहार हर दृष्टि से गुजरात से बड़ा है। यहाँ की जनसंख्या इतनी है कि हर दसवां भारतीय बिहारी है।" उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बिहार में वोट और सीटें चुराने की कोशिश कर रही है, लेकिन यहाँ विकास और रोजगार के बारे में कभी नहीं बोला जाएगा। बिहार की जनता इनकी चालाकियों को समझ गई है।