क्या तेजस्वी यादव ने अपनी विश्वसनीयता साबित की है? बिहार की जनता उनके साथ है: शक्ति यादव

सारांश
Key Takeaways
- तेजस्वी यादव का नेतृत्व महत्वपूर्ण है।
- बिहार में मतदाता सूची की समस्याएं गंभीर हैं।
- चुनाव आयोग पर सवाल उठ रहे हैं।
- बिहार की जनता जागरूक है।
- राजद इस मुद्दे पर चुप नहीं रहेगा।
पटना, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने रविवार को तेजस्वी यादव के नेतृत्व और बिहार में मतदाता सूची से जुड़े विवादों पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव न केवल राजद की को-ऑर्डिनेशन कमेटी के चेयरमैन हैं, बल्कि पार्टी के प्रमुख चेहरे भी हैं। 2020 के विधानसभा चुनावों में उनकी विश्वसनीयता और नेतृत्व क्षमता को पहले ही सिद्ध किया जा चुका है। अब, दूसरों की बातें मायने नहीं रखती। असली नेतृत्व का चेहरा स्पष्ट हो चुका है। बिहार की जनता तेजस्वी यादव के साथ खड़ी है।
हाल ही में, तेजस्वी यादव ने दावा किया था कि उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है। इस पर शक्ति यादव ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
उन्होंने बताया कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के कारण लोग कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं। कई जीवित व्यक्तियों को मृत घोषित किया गया है, जिससे जनता में गहरा आक्रोश है।
शक्ति यादव ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि आयोग अपने निर्णयों पर नियंत्रण खो चुका है।
तेजस्वी यादव पर दो वोटर कार्ड रखने के आरोपों पर शक्ति यादव ने कहा कि उन्होंने मीडिया में अपना एपिक नंबर खोजने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मिला। इसके बाद, चुनाव आयोग ने जल्दबाजी में सुधार कर नया एपिक नंबर जारी किया।
उन्होंने सवाल उठाया, "क्या ऐसा होता है? एक परिवार के सभी सदस्यों का नाम मतदाता सूची में एक साथ होता है, लेकिन तेजस्वी का नाम गायब? कई जिंदा लोगों को मृत घोषित किया जा रहा है। इसका जवाब तो देना होगा।"
शक्ति यादव ने कहा, "यह बिहार है, महाराष्ट्र या हरियाणा नहीं। यहां का हर बच्चा जागरूक और सजग है। राजद इस मुद्दे पर चुप नहीं रहेगा और चुनाव आयोग से जवाब मांगेगा।"