क्या सरकार और एजेंसी मालेगांव बम ब्लास्ट के षड्यंत्रकारियों को ढूंढ पाएंगी? : भैयाजी जोशी

सारांश
Key Takeaways
- मालेगांव बम विस्फोट मामले में एनआईए कोर्ट ने सात आरोपियों को बरी किया।
- साध्वी प्रज्ञा ने जेल में नाम लेने का दबाव बताया।
- भैयाजी जोशी ने सरकार और एजेंसियों से षड्यंत्रकारियों की पहचान की मांग की।
- धर्मांतरण का मुद्दा गंभीर है, इसे रोकने के प्रयास जारी हैं।
- हिंदी को जोड़ने वाली भाषा के रूप में समर्थन दिया गया।
नागपुर, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मालेगांव बम विस्फोट मामले में एनआईए कोर्ट ने सात आरोपियों को बरी कर दिया है, जिनमें साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी शामिल हैं। बरी होने के बाद उन्होंने कहा कि जेल में रहने के दौरान उन पर कई महत्वपूर्ण लोगों का नाम लेने का दबाव डाला गया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा, "जब साध्वी ने ऐसा कहा है तो यह सही होगा, क्योंकि यह षड्यंत्र पहले से चल रहा है। अब न्यायालय के फैसले के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि यह षड्यंत्र था। अब सरकार और एजेंसियों की जिम्मेदारी है कि इस षड्यंत्र के पीछे के लोगों की पहचान करें।"
महाराष्ट्र में चल रहे हिंदी-मराठी भाषा विवाद पर उन्होंने कहा, "देश में जितनी भी भाषाएं हैं, वे सभी भारत की भाषाएं हैं। हमें सभी का सम्मान करना चाहिए। जोड़ने वाली भाषा हिंदी होनी चाहिए, जिसे हम पहले से समर्थन कर रहे हैं।"
धर्मांतरण के मुद्दे पर जोशी ने कहा, "यह मुद्दा गंभीर है। नागालैंड और मिजोरम में यह प्रक्रिया 200 से 250 वर्षों से चल रही है। हमें खुशी है कि कुछ ईसाई संस्थाएं धर्मांतरण के विरुद्ध आवाज उठा रही हैं।"
उन्होंने कहा, "जो लोग धर्मांतरण के दौर में गए हैं, उन्हें हम वापस लाना चाहते हैं। हम जन जागरूकता फैला रहे हैं। यह प्रक्रिया अच्छी चल रही है। धर्मांतरण के मुख्य कारणों में गरीबी और अज्ञानता शामिल हैं।"