क्या मुंबई क्राइम ब्रांच ने दंपति को जाली भारतीय पहचान पत्र बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- जाली पहचान पत्र बनाना एक गंभीर अपराध है।
- बांग्लादेशी प्रवासियों के लिए अवैध दस्तावेज़ों का निर्माण देश की सुरक्षा के लिए खतरा है।
- क्राइम ब्रांच की कार्रवाई से अवैध रैकेट पर अंकुश लगाने में मदद मिलती है।
मुंबई, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई क्राइम ब्रांच ने एक दंपति को अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के लिए जाली भारतीय पहचान पत्र बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान पुरुषोत्तम प्रसाद शर्मा (57) और उनकी पत्नी मंजू पुरुषोत्तम शर्मा उर्फ मंजू (42) के रूप में हुई है। मुंबई क्राइम ब्रांच से मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपी भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और बैंक दस्तावेजों की जालसाजी में शामिल थे।
क्राइम ब्रांच ने एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए एक टीम ने न्यू म्हाडा कॉलोनी स्थित साईं सावली को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में इस दंपति के आवास पर छापा मारा और दस्तावेज बरामद किए। तलाशी के दौरान, पुलिस ने लैपटॉप, सिम कार्ड सहित चार मोबाइल फोन, अलग-अलग नामों के दो आधार कार्ड, दो पैन कार्ड और मंजू शर्मा से जुड़ा एक मतदाता पहचान पत्र सहित जाली पहचान पत्र बरामद किया।
अधिकारियों ने बैंक पासबुक, चेक बुक और एक लाल रंग की पेन ड्राइव भी जब्त की, जिसमें रैकेट के संचालन से संबंधित जानकारी होने का अनुमान है।
जांच से पता चला कि मूल रूप से बांग्लादेशी नागरिक मंजू शर्मा पिछले 12 सालों से जाली पहचान पत्र के जरिए भारत में अवैध रूप से रह रही थी। उसने एक एजेंट की मदद से भारत में प्रवेश किया और बाद में पुरुषोत्तम शर्मा से शादी कर ली, जिसने कथित तौर पर धोखाधड़ी से भारतीय पहचान पत्र हासिल करने में उसकी मदद की।
मुंबई क्राइम ब्रांच ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी बांग्लादेश में सक्रिय एजेंटों से भी संपर्क में थे।