क्या जितेंद्र आव्हाड का सनातन पर बयान तुष्टिकरण है?

सारांश
Key Takeaways
- जितेंद्र आव्हाड का बयान धार्मिक विवाद को बढ़ा रहा है।
- मुकेश रौशन ने तुष्टिकरण का आरोप लगाया।
- राजनीति में धर्म का उपयोग एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
- इस विवाद से भारतीय समाज में धार्मिक पहचान के मुद्दे पर चर्चा हो रही है।
- आरएसएस और सनातन धर्म पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
सूरत, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। एनसीपी (शरद पवार गुट) के नेता जितेंद्र आव्हाड के सनातन पर दिए गए बयान के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है। सूरत से भाजपा सांसद मुकेश रौशन ने रविवार को उनके बयान पर कड़ा जवाब दिया।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में मुकेश रौशन ने कहा कि जितेंद्र आव्हाड का यह बयान तुष्टिकरण से प्रेरित है। कोई भी सच्चा सनातनी ऐसा बयान नहीं दे सकता जैसा उन्होंने दिया है।
एनसीपी (शरद पवार गुट) के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए सनातन धर्म के खिलाफ टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "सनातन धर्म ने भारत को बर्बाद कर दिया है। सनातन धर्म नाम का कोई धर्म कभी अस्तित्व में नहीं था। हम हिंदू धर्म के अनुयायी हैं। सनातन धर्म ही छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक में बाधा डालने और छत्रपति संभाजी महाराज को बदनाम करने के लिए जिम्मेदार है।"
जितेंद्र आव्हाड ने कहा, "सनातन धर्म के अनुयायियों ने सावित्रीबाई फुले पर गंदगी फेंकी। शाहू महाराज की हत्या की साजिश रची। डॉ. अंबेडकर को पानी पीने या स्कूल जाने की अनुमति नहीं दी। लोगों को सनातन धर्म और उसकी विचारधारा को विकृत कहने में संकोच नहीं करना चाहिए।"
मुकेश रौशन ने राहुल गांधी की भी पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली पर दिए बयान की निंदा की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी गली-मोहल्ले के बच्चों की तरह बयान देते हैं। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं।
राहुल गांधी ने हाल ही में कहा था कि जब वह कृषि कानूनों का विरोध कर रहे थे, तब अरुण जेटली ने उन्हें ऐसा न करने की धमकी दी थी। वहीं, अरुण जेटली के बेटे रोहन जेटली का कहना है कि जब कृषि कानून लाए गए, उस समय उनके पिता का निधन हो चुका था।
मालेगांव ब्लास्ट के आरोपियों पर आए कोर्ट के फैसले पर उन्होंने कहा कि गांधी परिवार या कांग्रेस जो भी चाहें करें, सनातन न तो टूटेगा न झुकेगा। सात निर्दोष लोगों को फंसाया गया था, वे काफी कुछ सहन करके बाहर आ गए हैं। आरएसएस को चाहे जितनी गालियाँ दें, चाहे जितने प्रतिबंध लगा दें, न आरएसएस दबेगा और न सनातन धर्म दबेगा।