क्या तेलंगाना में एक करोड़ से ज्यादा के इनामी नक्सलियों ने हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया?
सारांश
Key Takeaways
- 37 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया।
- सरेंडर में तीन वरिष्ठ नेता शामिल हैं।
- उन्हें आर्थिक सहायता मिलेगी।
- यह नक्सलवाद के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है।
- तेलंगाना पुलिस ने अब तक 70 से अधिक नक्सलियों को मुख्य धारा में लाया है।
हैदराबाद, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। तेलंगाना पुलिस को नक्सल विरोधी अभियान में एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) संगठन के 37 खतरनाक अंडरग्राउंड कैडर ने शनिवार को हथियार त्यागकर मुख्य धारा में शामिल होने का निर्णय लिया। इनमें तीन स्टेट कमेटी स्तर के वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं, जिन पर कुल मिलाकर एक करोड़ रुपये से अधिक का इनाम घोषित था।
आत्मसमर्पण करने वाले प्रमुख नेताओं में कोय्याडा सम्बैया उर्फ आज़ाद, तेलंगाना स्टेट कमेटी के अप्पाला नारायण उर्फ रमेश और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के मुचाकी सोमाडा उर्फ एर्रा का नाम शामिल है। बाकी कैडर में तीन डिवीजनल कमेटी मेंबर, नौ एरिया कमेटी मेंबर और 22 मिलिशिया सदस्य हैं। ये सभी मूल रूप से छत्तीसगढ़ के बीजापुर-सुकमा इलाके के निवासी हैं और लंबे समय से तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा पर सक्रिय थे।
तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक डॉ. जितेंद्र की उपस्थिति में हैदराबाद में आयोजित एक विशेष समारोह में इन सभी ने औपचारिक रूप से सरेंडर किया। इस दौरान उन्होंने आठ हथियार और भारी मात्रा में गोला-बारूद भी पुलिस को सौंप दिया। इन हथियारों में एक एके-47 राइफल, दो एसएलआर, चार .303 राइफल और एक जी-3 राइफल के साथ-साथ विभिन्न कैलिबर के 343 जिंदा कारतूस शामिल हैं।
पुलिस महानिदेशक ने इसे माओवादी संगठन को लगे अब तक के सबसे बड़े झटकों में से एक बताया। विशेष रूप से खम्मम-मुलुगु डिवीजन के सात कैडर का एक साथ सरेंडर करना संगठन की रीढ़ तोड़ने वाला साबित होगा।
उन्होंने कहा कि लगातार सुरक्षा बलों का दबाव, बेहतर खुफिया जानकारी और सरकार की आकर्षक सरेंडर नीति के कारण नक्सली अब हताश होकर मुख्य धारा में लौट रहे हैं। आत्मसमर्पण करने वाले सभी कैडर को तेलंगाना सरकार की पुनर्वास नीति के तहत तुरंत आर्थिक सहायता, सुरक्षा और रोजगार के अवसर दिए जाएंगे। इस साल तेलंगाना पुलिस अब तक 70 से अधिक नक्सलियों को मुख्य धारा में ला चुकी है और आज का समर्पण इस दिशा में सबसे बड़ी उपलब्धि है।