क्या तेलंगाना सरकार ने ‘वंदे मातरम’ की 150वीं वर्षगांठ पर सामूहिक गायन का आदेश दिया?

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क्या तेलंगाना सरकार ने ‘वंदे मातरम’ की 150वीं वर्षगांठ पर सामूहिक गायन का आदेश दिया?

सारांश

तेलंगाना सरकार ने ‘वंदे मातरम’ की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर सरकारी कार्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में सामूहिक गायन करने का आदेश दिया है। यह आयोजन देशभर में एक वर्ष तक चलेगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। जानें इस ऐतिहासिक गीत के महत्व के बारे में।

Key Takeaways

  • तेलंगाना में ‘वंदे मातरम’ का सामूहिक गायन किया जाएगा।
  • यह आयोजन 7 नवंबर को होगा।
  • ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने का स्मरणोत्सव मनाया जाएगा।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समारोह का उद्घाटन करेंगे।
  • समारोह देशव्यापी आयोजनों की शुरुआत करेगा।

हैदराबाद, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। तेलंगाना में सभी सरकारी कार्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में शुक्रवार को ‘वंदे मातरम’ के पूर्ण संस्करण का सामूहिक गायन करने का आदेश जारी किया गया है। यह आदेश ‘वंदे मातरम’ की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में दिया गया है।

राज्य के मुख्य सचिव के. रामकृष्ण राव ने गुरुवार को सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश भेजे कि वे 7 नवंबर की सुबह 10 बजे अपने-अपने कलेक्ट्रेट कार्यालयों और अन्य सरकारी दफ्तरों में ‘वंदे मातरम’ का अधिकृत संस्करण सामूहिक रूप से गाएं।

जिला प्रशासन को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि सभी शैक्षणिक संस्थान—सरकारी, स्थानीय निकाय, सहायता प्राप्त, और मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय—एक ही समय पर सामूहिक गायन कार्यक्रम आयोजित करें। इसके लिए जिला कलेक्टरों को विभागाध्यक्षों, अधिकारियों, और शिक्षा अधिकारियों को समय पर सूचित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

7 नवंबर को बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा रचित राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इसी अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली में संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित समारोह में इस ऐतिहासिक रचना के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक वर्ष तक चलने वाले स्मरणोत्सव का शुभारंभ करेंगे।

यह समारोह देशव्यापी आयोजनों की औपचारिक शुरुआत होगा, जिसका समापन 7 नवंबर, 2026 को किया जाएगा। इस दौरान पूरे देश में सार्वजनिक स्थलों पर ‘वंदे मातरम’ के पूर्ण संस्करण का सामूहिक गायन किया जाएगा।

बंकिमचंद्र चटर्जी ने साल 1875 में ‘वंदे मातरम’ की रचना की थी। यह पहली बार साहित्यिक पत्रिका बंगदर्शन में उनके उपन्यास आनंदमठ के एक अंश के रूप में प्रकाशित हुआ था। इसके बाद साल 1882 में एक स्वतंत्र पुस्तक के रूप में जारी किया गया।

Point of View

यह साफ है कि ‘वंदे मातरम’ केवल एक गीत नहीं है, बल्कि यह हमारे देश की सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा है। तेलंगाना सरकार का यह कदम न केवल ऐतिहासिक महत्त्व को उजागर करता है बल्कि राष्ट्रीय एकता को भी प्रोत्साहित करता है। हम सबको इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए।
NationPress
06/11/2025

Frequently Asked Questions

‘वंदे मातरम’ का शाब्दिक अर्थ क्या है?
‘वंदे मातरम’ का शाब्दिक अर्थ है 'मैं तुम्हें प्रणाम करता हूँ'।
यह गीत किसने लिखा था?
यह गीत बंकिमचंद्र चटर्जी ने लिखा था।
‘वंदे मातरम’ के गायन का आयोजन कब होगा?
‘वंदे मातरम’ का सामूहिक गायन 7 नवंबर को होगा।
क्या यह कार्यक्रम केवल तेलंगाना में होगा?
नहीं, यह कार्यक्रम पूरे देश में आयोजित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम में क्या करेंगे?
प्रधानमंत्री मोदी इस अवसर पर स्मरणोत्सव का शुभारंभ करेंगे।