क्या मराठी के लिए साथ आए ठाकरे बंधु, या सिर्फ अपने नैरेटिव सेट कर रहे हैं?

सारांश
Key Takeaways
- आशीष शेलार ने ठाकरे बंधुओं की रैली को राजनीतिक चाल बताया।
- उद्धव का भाषण अप्रासंगिक था।
- राज ठाकरे के विवादास्पद बयान का खंडन किया गया।
- त्रिभाषा विवाद पर शेलार ने स्पष्ट विचार साझा किए।
- राजनीति में नैरेटिव सेट करना महत्वपूर्ण हो गया है।
मुंबई, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री आशीष शेलार ने राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की संयुक्त रैली को राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि दोनों भाई मराठी के लिए एक साथ नहीं आए हैं, बल्कि अपने-अपने नैरेटिव को सेट करने की कोशिश में हैं।
रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए मंत्री आशीष शेलार ने कहा, "यह अच्छी बात है कि दोनों भाई एक साथ आए हैं, और यह खुशी का विषय है कि दोनों परिवार एक हो रहे हैं। लेकिन क्या दोनों दल एक साथ चुनाव लड़ेंगे? यह उन्हें तय करना है। इस मुद्दे पर अभी ज्यादा कुछ नहीं कह सकते।"
विजय रैली में उद्धव ठाकरे के भाषण को शेलार ने अप्रासंगिक बताया। उन्होंने कहा, "राज ठाकरे ने जिन चीजों का अपने भाषण में जिक्र किया, वे अधूरी थीं। वह अपना एक नैरेटिव सेट कर रहे थे। अच्छी बात यह है कि उन्होंने मराठी में बात की। उद्धव ठाकरे का भाषण अप्रासंगिक था। उद्धव अपने भाषण में सत्ता से बेदखल होने का रोना ही रोते दिखे।"
उन्होंने राज ठाकरे के उस बयान को बिलकुल बेतुका बताया। राज ने कहा था कि मराठी बोलने वालों को पीटना चाहिए लेकिन, उसका वीडियो नहीं बनाना चाहिए। मंत्री आशीष शेलार ने कहा, "ऐसे बयान काफी पीड़ा देते हैं। इस तरह की घटनाओं से मैं बहुत आहत हूं।"
त्रिभाषा विवाद पर मंत्री ने कहा, "हम चाहते हैं कि जो भी बच्चा अपनी मातृभाषा में पढ़ना चाहे, वह पढ़ सकता है। ये लोग त्रिभाषा के विरोध में हैं। वो पूछते हैं कि कौन से राज्यों में त्रिभाषा को लागू किया गया। मैं उन्हें बता देना चाहता हूँ कि 20 राज्यों ने त्रिभाषा फॉर्मूले को अपनाया है। राज ठाकरे इसका विरोध मुंबई के बच्चों के लिए कर रहे हैं। कभी अपने बच्चों के लिए नहीं किया। यह अन्याय है।"