क्या तोरई डायबिटीज और त्वचा रोगों का समाधान है?

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क्या तोरई डायबिटीज और त्वचा रोगों का समाधान है?

सारांश

तोरई, जिसे भारतीय घरों में विशेष स्थान प्राप्त है, न केवल स्वादिष्ट है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। इसके अनेक लाभ और परंपरागत चिकित्सा में उपयोग को जानें।

Key Takeaways

  • तोरई को नियमित रूप से सेवन करना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
  • यह डायबिटीज और पाचन संबंधी समस्याओं में मदद करती है।
  • गर्मियों में इसका सेवन शरीर को ठंडक देता है।
  • यह त्वचा और बालों के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।
  • तोरई का छिलका लूफा के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

नई दिल्ली, 27 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय रसोई में तोरई एक अत्यधिक प्रिय सब्जी है, जिसका सेवन न केवल स्वाद के लिए किया जाता है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। इसे कई क्षेत्रों में नेनुआ या गिलकी के नाम से भी जाना जाता है। तोरई आसानी से पचने वाली और गर्मियों में शरीर को ठंडक प्रदान करने वाली सब्जी है।

तोरई का वैज्ञानिक नाम 'लुफ्फा एक्यूटैंगुला' है। अमेरिकी नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, यह पौधा मुख्यतः भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, चीन, जापान, मिस्र और अफ्रीका के अन्य क्षेत्रों में पाया जाता है। पारंपरिक भारतीय चिकित्सा में, तोरई का इस्तेमाल विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं जैसे पीलिया, मधुमेह, बवासीर, दस्त, सिरदर्द, दाद और कुष्ठ रोग के उपचार में किया जाता है।

इसमें प्राकृतिक पेप्टाइड्स होते हैं, जो इंसुलिन की तरह कार्य करते हैं, इसलिए यह डायबिटीज के मरीजों के लिए भी लाभकारी है। इसे सब्जी के रूप में नियमित रूप से सेवन करना स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है।

चरक संहिता में तोरई को पाचनवर्धक और रक्तशोधक के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह पाचन में सहायता करती है और रक्त को शुद्ध करने में मदद करती है। इसके अलावा, तोरई कब्ज, अपच और गैस जैसी पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में भी मददगार मानी जाती है।

गर्मियों में इसका सेवन करने से शरीर को ठंडक मिलती है। इसमें पानी की अच्छी मात्रा होती है, जो शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करती है और डिहाइड्रेशन से बचाती है। इसके साथ ही, इसमें ऐसे प्राकृतिक तत्व होते हैं, जो मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इसके सेवन से त्वचा स्वस्थ रहती है और कुछ पारंपरिक उपचारों में इसका उपयोग त्वचा संबंधी समस्याओं और बालों के स्वास्थ्य के लिए भी किया जाता है।

गांवों में कई लोग इसे 'लूफा' के रूप में उपयोग करते हैं। जब तोरई बेल पर सूख जाती है, तो उसका छिलका हटाकर अंदर के रेशों को लूफा की तरह इस्तेमाल किया जाता है। यह सिंथेटिक लूफा का एक प्राकृतिक और पर्यावरण अनुकूल विकल्प है, क्योंकि यह बायोडिग्रेडेबल होता है।

Point of View

बल्कि विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के लिए एक प्राकृतिक समाधान है। इसका सेवन न केवल स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति का भी एक अभिन्न हिस्सा है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

तोरई के क्या स्वास्थ्य लाभ हैं?
तोरई में प्राकृतिक पेप्टाइड्स होते हैं जो डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होते हैं। यह पाचन में सुधार करती है और त्वचा के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है।
क्या तोरई का सेवन गर्मियों में करना चाहिए?
जी हां, तोरई का सेवन गर्मियों में करने से शरीर को ठंडक मिलती है और यह डिहाइड्रेशन से बचाती है।
क्या तोरई का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में होता है?
हाँ, पारंपरिक चिकित्सा में तोरई का उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में किया जाता है।