क्या ट्रंप ने भारत को रूसी तेल खरीदने पर टैरिफ बढ़ाने की चेतावनी दी?

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क्या ट्रंप ने भारत को रूसी तेल खरीदने पर टैरिफ बढ़ाने की चेतावनी दी?

सारांश

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने रूस से तेल खरीदने के चलते भारत पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी है। जानिए इस बयान के पीछे की वजह और भारत की प्रतिक्रिया क्या है।

Key Takeaways

  • डोनाल्ड ट्रंप का भारत पर टैरिफ बढ़ाने का बयान।
  • भारत की ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हितों पर आधारित है।
  • भारत और रूस के संबंध मजबूत और स्थिर हैं।
  • ट्रंप का मानना है कि रूसी तेल खरीदना अस्वीकार्य है।
  • भारत की सरकार ने रूसी तेल आयात पर कोई रोक नहीं लगाई है।

वॉशिंगटन, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत को लेकर टैरिफ का मुद्दा उठाया है। उन्होंने सोमवार को भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने को लेकर चेतावनी दी है कि इसके चलते भारत पर टैरिफ को काफी बढ़ा दिया जाएगा।

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर लिखा, "भारत न केवल भारी मात्रा में रूसी तेल खरीद रहा है, बल्कि उसमें से बहुत हिस्सा खुले बाजार में बेचकर अधिक लाभ कमा रहा है। उन्हें इस बात की चिंता नहीं है कि यूक्रेन में कितने लोग रूस के हाथों मारे जा रहे हैं।"

उन्होंने आगे लिखा, "इसी कारण, मैं भारत द्वारा अमेरिका को दिए जाने वाले टैरिफ में महत्वपूर्ण वृद्धि करूंगा।"

ट्रंप के वरिष्ठ सलाहकार स्टीफन मिलर ने भी बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप का मानना है कि भारत को रूसी तेल खरीदना बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा, "ट्रंप का संदेश स्पष्ट है कि रूस से तेल खरीदकर युद्ध को फंड करना अस्वीकार्य है।" हालांकि, मिलर ने यह भी कहा कि ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच "शानदार रिश्ते" हैं।

पिछले हफ्ते ट्रंप ने संकेत दिया था कि वह भारत से आयात होने वाले सामान पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के साथ-साथ रूस से तेल खरीदने पर अतिरिक्त दंडात्मक कार्रवाई कर सकते हैं।

इस बीच, भारत सरकार के सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि रूस से तेल आयात पर कोई रोक नहीं लगी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "भारत की ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हित और बाजार की परिस्थितियों के अनुसार होती है। हमें किसी भी भारतीय तेल कंपनी द्वारा रूसी आयात रोकने की कोई जानकारी नहीं है।"

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने भी कहा, "हम अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को वैश्विक बाजार और मौजूदा अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए पूरा करते हैं।"

उन्होंने कहा, "भारत के किसी भी देश से रिश्ते उसकी अपनी योग्यता पर आधारित होते हैं और इसे किसी तीसरे देश के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए। भारत-रूस संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं और स्थिर रहे हैं।"

Point of View

हम यह समझते हैं कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में संवाद और सहयोग की आवश्यकता है। भारत की ऊर्जा नीतियां उसके राष्ट्रीय हितों के अनुसार हैं, और हमें किसी भी देश के दृष्टिकोण से स्वतंत्रता से निर्णय लेने का अधिकार है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या ट्रंप ने भारत को टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी?
हां, ट्रंप ने भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने के चलते टैरिफ बढ़ाने की चेतावनी दी है।
भारत की प्रतिक्रिया क्या है?
भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि रूस से तेल आयात पर कोई रोक नहीं है और यह उसके राष्ट्रीय हितों के अनुसार है।
भारत और रूस के संबंध कैसे हैं?
भारत और रूस के बीच के संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं और यह स्थिर रहे हैं।