क्या तुलसी सिर्फ पौधा है या प्रकृति का वरदान?
सारांश
Key Takeaways
- तुलसी इम्यूनिटी को बढ़ाती है।
- रोजाना सेवन से सर्दी और खांसी से बचा जा सकता है।
- तनाव और चिंता को कम करती है।
- पाचन तंत्र को सुधारती है।
- त्वचा की समस्याओं में राहत देती है।
नई दिल्ली, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि इससे कई समस्याओं से बचा जा सकता है। वहीं, कमजोर इम्यूनिटी कई बीमारियों का कारण बन सकती है। हर घर में आसानी से उपलब्ध तुलसी के पौधे को आयुर्वेद में एक अमूल्य वरदान माना गया है।
तुलसी की पत्तियां न केवल देवी-देवताओं को प्रिय हैं, बल्कि यह इम्यूनिटी को भी बूस्ट करती हैं। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय का कहना है कि तुलसी केवल पूजा की थाली का पवित्र पत्ता नहीं है, बल्कि यह प्रकृति का एक अत्यंत शक्तिशाली औषधीय उपहार है। खासकर सर्दियों के मौसम में जब वायरस और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, रोजाना तुलसी का सेवन शरीर को भीतर से मजबूत बनाता है, जिससे दवाइयों की आवश्यकता कम पड़ती है।
आयुर्वेद के अनुसार, तुलसी में अद्भुत गुण छिपे हुए हैं। इसके पत्तों में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, एंटी-फंगल और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण प्रचुर मात्रा में होते हैं। यही कारण है कि इसे 'आरोग्य की संरक्षिका' कहा जाता है।
रोजाना तुलसी का सेवन करने से कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। इससे इम्यूनिटी इतनी मजबूत होती है कि सर्दी, खांसी, बुखार और फ्लू आसानी से नहीं लगते। गले की खराश, बलगम और पुरानी खांसी में राहत मिलती है। सांसब्लड प्यूरिफिकेशन होता है, और पाचन तंत्र मजबूत होता है। गैस, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याएं कम होती हैं।
तुलसी के पत्तों का सेवन तनाव और चिंता को भी कम करता है, क्योंकि इसकी खुशबू दिमाग को शांति प्रदान करती है और अच्छी नींद लाने में मदद करती है।
मुंह के छालों में भी तुलसी राहत देती है। त्वचा पर चमक आती है, और कील-मुंहासे कम होते हैं। सिरदर्द और माइग्रेन में भी लाभ होता है।
आयुर्वेद में कहा गया है कि रोजाना सुबह खाली पेट तुलसी चबाने से शरीर को कई लाभ होते हैं। तुलसी की चाय, शहद के साथ तुलसी का रस मिलाकर लेने से भी फायदे होते हैं। अदरक, काली मिर्च और लौंग मिलाकर तुलसी का काढ़ा बनाकर सेवन करने से भी लाभ मिलता है।