क्या त्योहारों में केवल घर ही नहीं, आयुर्वेदिक स्नेहन से तन-मन को भी रोशन किया जा सकता है?

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क्या त्योहारों में केवल घर ही नहीं, आयुर्वेदिक स्नेहन से तन-मन को भी रोशन किया जा सकता है?

सारांश

त्योहारों का मौसम न केवल घर सजाने का है, बल्कि यह आपके शरीर और मन को भी रोशन करने का समय है। जानिए कैसे आयुर्वेदिक स्नेहन आपकी आंतरिक सुंदरता और स्वास्थ्य को बढ़ा सकता है।

Key Takeaways

  • त्योहारों के समय अपने शरीर और मन का ध्यान रखना आवश्यक है।
  • आयुर्वेदिक स्नेहन से स्वास्थ्य और सौंदर्य में सुधार होता है।
  • तिल का तेल त्वचा के लिए अत्यंत लाभकारी है।
  • मालिश से मानसिक तनाव कम होता है।
  • स्वास्थ्य के लिए नियमित स्नेहन को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। त्योहारों का समय केवल घर को सजाने का नहीं है, बल्कि अपने शरीर और मन को भी प्रकाशित करने का सुनहरा अवसर है। जब हम अपने घर को साफ करके चमकाते हैं, तो यह भी जरूरी है कि हम अपने भीतर के तन और मन को भी प्रकाश से भरें। आयुर्वेद में एक अद्भुत परंपरा है स्नेहन, यानी शरीर पर तेल से मालिश करना।

हर दिन स्नान से पहले तिल के तेल से की गई हल्की मालिश न केवल शरीर को ऊर्जावान बनाती है, बल्कि त्योहारों की भागदौड़ में थके मन को भी गहराई से सुकून देती है। आयुर्वेद में तिल का तेल श्रेष्ठ स्नेह माना गया है। यह शरीर की त्वचा में गहराई तक जाकर पोषण देता है, जिससे त्वचा को कोमल और दमकती हुई बनाता है। खासकर बदलते मौसम में जब त्वचा रूखी हो जाती है, तब तिल के तेल की गर्म प्रकृति उसे संतुलित कर देती है।

मालिश से रक्त संचार सुधरता है, जिससे शरीर के प्रत्येक अंग में ऑक्सीजन और पोषक तत्व अच्छी तरह पहुंचते हैं। यह थकान, जकड़न और तनाव को दूर कर शरीर को लचीला और सक्रिय बनाता है। लेकिन, यह केवल शारीरिक लाभ तक सीमित नहीं है। जब हम रोज कुछ मिनट खुद को समय देकर यह मालिश करते हैं, तो वह स्पर्श, वह लयबद्धता, मन को भी शांत करती है।

आयुर्वेद के अनुसार, मालिश करने से वात दोष शांत होता है, जो मानसिक बेचैनी, अनिद्रा और चिंता का प्रमुख कारण है। इसलिए यह मालिश केवल एक सौंदर्य या स्वास्थ्य प्रक्रिया नहीं, बल्कि आत्म-देखभाल का एक सुंदर अनुष्ठान है। त्योहार की भागदौड़, मिठाइयों का सेवन और देर रात जागने से उत्पन्न असंतुलन को संतुलित करने में यह सरल क्रिया चमत्कारी लाभ देती है।

इसलिए, इस त्योहार के सीजन में कुछ समय अपने शरीर और मन के लिए भी निकालें। स्नान से पहले की यह छोटी-सी तेल मालिश आपके स्वास्थ्य, सौंदर्य और आनंद को कई गुना बढ़ा सकती है।

Point of View

मैं यह मानता हूं कि त्योहारों का समय केवल बाहरी सजावट का नहीं, बल्कि आंतरिक संतुलन और स्वास्थ्य का भी है। आयुर्वेदिक स्नेहन जैसे सरल उपाय हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

आयुर्वेदिक स्नेहन के क्या लाभ हैं?
आयुर्वेदिक स्नेहन से शरीर में रक्त संचार बेहतर होता है, त्वचा को पोषण मिलता है और मानसिक तनाव कम होता है।
तिल का तेल क्यों उपयोगी है?
तिल का तेल आयुर्वेद में श्रेष्ठ माना गया है, यह त्वचा को कोमल और स्वस्थ बनाता है।
क्या आयुर्वेदिक मालिश केवल महिलाओं के लिए है?
नहीं, आयुर्वेदिक मालिश सभी के लिए लाभकारी है, चाहे वह पुरुष हों या महिलाएं।