क्या यूपी के बीएचयू में एम.ए. योग पाठ्यक्रम की शुरुआत हो रही है?

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क्या यूपी के बीएचयू में एम.ए. योग पाठ्यक्रम की शुरुआत हो रही है?

सारांश

काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में एम.ए. योग पाठ्यक्रम की शुरुआत होने जा रही है, जो छात्रों को योग की प्राचीन परंपराओं और आधुनिक तकनीकों से जोड़ने में मदद करेगा। यह पाठ्यक्रम विशेष रूप से पूर्वांचल क्षेत्र के युवाओं के लिए एक अपार अवसर प्रदान करेगा।

Key Takeaways

  • बीएचयू में एम.ए. योग पाठ्यक्रम की घोषणा
  • पतंजलि योग पद्धति के सैद्धांतिक और प्रायोगिक पहलुओं पर जोर
  • पाठ्यक्रम का संचालन संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय द्वारा
  • सस्ती फीस के साथ उच्च गुणवत्ता की शिक्षा
  • पूर्वांचल क्षेत्र के युवाओं के लिए विशेष अवसर

वाराणसी, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में योग शिक्षा को नई दिशा देने के लिए एम.ए. योग पाठ्यक्रम की शुरुआत की जाएगी। यह दो वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के अंतर्गत वैदिक दर्शन विभाग द्वारा संचालित किया जाएगा, जिसमें चार सेमेस्टर होंगे।

इस पाठ्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पतंजलि योग पद्धति के सैद्धांतिक और व्यावहारिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करना होगा। छात्रों को पतंजलि योग सूत्र, भगवद्गीता और अन्य महत्वपूर्ण योग ग्रंथों का विस्तृत अध्ययन कराया जाएगा, साथ ही आसन, प्राणायाम, मुद्रा, बंध और सत्कर्म जैसी योग क्रियाओं का व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस कोर्स की फीस को अन्य संस्थानों की तुलना में काफी कम रखा है, जो महामना मदन मोहन मालवीय के संकल्प 'कम शुल्क में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा' को साकार करने का प्रयास है। प्रवेश प्रक्रिया और आरक्षण भारत सरकार और विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार होंगे। यह पाठ्यक्रम शिक्षकों और छात्रों की लंबे समय से चली आ रही मांग पर शुरू किया जा रहा है।

बीएचयू की अकादमिक काउंसिल की बैठक 27 सितंबर को हुई, जिसमें इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूरी दी गई। विभागाध्यक्ष के अनुसार, पूर्वांचल क्षेत्र में इस प्रकार का पाठ्यक्रम अन्य विश्वविद्यालयों में उपलब्ध नहीं है। यूजीसी द्वारा योग विषय में नेट परीक्षा आयोजित होने से यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों के करियर के लिए अत्यंत लाभदायक सिद्ध होगा।

संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के प्रमुख प्रोफेसर राजाराम शुक्ल ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "हमारी योग विद्या को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त हो चुकी है। विश्व के हर कोने में योग का अभ्यास पूरे सम्मान के साथ किया जाता है। अब दो साल का यह पाठ्यक्रम चार सेमेस्टर में संचालित किया जाएगा, जो योग की प्राचीन भारतीय परंपरा को आधुनिक संदर्भ में मजबूत करेगा।"

वैदिक दर्शन विभाग के प्रोफेसर शशिकांत द्विवेदी ने बताया, "यह पाठ्यक्रम सैद्धांतिक ज्ञान और प्रायोगिक प्रशिक्षण को समान महत्व देता है, ताकि छात्र योग को अपने जीवन और समाज में लागू कर सकें।"

वर्तमान शोध छात्र सुनाक्षु तिवारी ने कहा, "यह पाठ्यक्रम पूर्वांचल के युवाओं के लिए वरदान साबित होगा, खासकर नेट जैसी परीक्षाओं के लिए।"

पूर्व छात्र शिवम तिवारी ने उत्साह जताते हुए कहा, "बीएचयू से योग शिक्षा प्राप्त करना गर्व की बात है, यह स्वास्थ्य और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देगा।"

--आईएनएस

Point of View

NationPress
04/10/2025

Frequently Asked Questions

एम.ए. योग पाठ्यक्रम की अवधि क्या है?
यह पाठ्यक्रम दो वर्षीय है और चार सेमेस्टर में विभाजित है।
इस पाठ्यक्रम में क्या अध्ययन किया जाएगा?
छात्र पतंजलि योग सूत्र, भगवद्गीता और अन्य योग ग्रंथों का अध्ययन करेंगे, साथ ही व्यावहारिक योग क्रियाओं का प्रशिक्षण भी प्राप्त करेंगे।
यह पाठ्यक्रम किस विभाग द्वारा संचालित किया जाएगा?
यह पाठ्यक्रम संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के अंतर्गत वैदिक दर्शन विभाग द्वारा संचालित किया जाएगा।