क्या कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने पीएम मोदी पर तीखा प्रहार किया?

सारांश
Key Takeaways
- इमरान मसूद ने जीएसटी नीतियों पर तीखा हमला किया।
- सरकार ने 55 लाख करोड़ रुपये की वसूली की है।
- छोटे व्यापारियों की स्थिति गंभीर है।
- प्रधानमंत्री मोदी का बचत महोत्सव विवाद का विषय बना।
- बेरोजगारी और आत्मनिर्भरता पर सवाल उठाए गए।
सहारनपुर, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने रविवार को केंद्र सरकार की जीएसटी नीतियों पर तीखा हमला किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'बचत महोत्सव' को नकारते हुए कहा कि सरकार ने पिछले आठ वर्षों में 55 लाख करोड़ रुपए अतिरिक्त वसूले हैं और अब जनता को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रही है। मसूद ने कहा कि जीएसटी के नाम पर छोटे व्यापारियों की रीढ़ तोड़ दी गई है और वास्तविक राहत की कोई संभावना नहीं है।
इमरान मसूद ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "आपने 55 लाख करोड़ रुपए वसूल लिए हैं, अब लोगों को बेवकूफ मत बनाइए। बचत महोत्सव किस बात का? कौन सा सामान सस्ता हुआ है? छोटे व्यापारी को मार दिया गया है। फिनिश गुड्स पर 5 प्रतिशत टैक्स लगाकर व्यापारी क्या करेगा? 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के टैक्स गैप को व्यापारी कैसे पूरा करेगा? स्टॉक क्लीयरेंस का कोई उपाय नहीं है।" उन्होंने चेतावनी दी, "यह जुमलेबाजी से देश नहीं चलने वाला। जाग जाइए, देश को गुमराह मत कीजिए। देश की अर्थव्यवस्था गर्त में जा रही है।"
मसूद ने बेरोजगारी और आत्मनिर्भर भारत अभियान पर भी सवाल उठाते हुए कहा, "कौन सी अर्थव्यवस्था की बात कर रहे हैं? रोजगार नहीं है। किस चीज में देश को आत्मनिर्भर किया गया है? बिना चीन के आप दवाई नहीं ले सकते। आपने सब रिश्ते खराब कर दिए हैं। देश को आप कहां ले जा रहे हैं? क्या आप चीन पर निर्भर हैं या नहीं?"
यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया संबोधन के बाद आया है, जिसमें उन्होंने जीएसटी सुधारों को 'बचत उत्सव' बताते हुए कहा था कि इससे देशवासियों को 2.5 लाख करोड़ रुपए की बचत होगी।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि जीएसटी को 'गब्बर सिंह टैक्स' बनाकर 55 लाख करोड़ अतिरिक्त वसूले गए हैं, जबकि अब मामूली राहत को उत्सव का नाम दिया जा रहा है।