क्या यूपी में कोडीन सिरप के अवैध नेटवर्क को खत्म करने के लिए एसआईटी गठित की गई?
सारांश
Key Takeaways
- कोडीन सिरप का अवैध व्यापार गंभीर समस्या है।
- एसआईटी का गठन नशामुक्त अभियान का हिस्सा है।
- पुलिस और एसटीएफ द्वारा कार्रवाई जारी है।
- कई जिलों में रैकेट फैला हुआ है।
- अवैध भंडारण और फर्जी प्रिस्क्रिप्शन के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
लखनऊ, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने कोडीनयुक्त सिरप और अन्य नारकोटिक दवाओं के अवैध नेटवर्क को समाप्त करने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करने का निर्णय लिया है। प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद और डीजीपी राजीव कृष्णा ने कहा कि यह रैकेट कई जिलों में फैला हुआ है और इसके तार प्रदेश से बाहर तक जुड़े होने की आशंका है, इसलिए मामले की गहन एवं समग्र जांच अब एसआईटी द्वारा की जाएगी।
डीजीपी राजीव कृष्णा ने लोकभवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि राज्य सरकार की प्राथमिकता नशामुक्त अभियान को प्रभावी बनाना है। कोडीनयुक्त कफ सिरप की अवैध आपूर्ति, डाइवर्जन और काले बाजार को समाप्त करने के लिए पुलिस, एसटीएफ और एफएसडीए की संयुक्त टीमों ने हाल के दिनों में व्यापक कार्रवाई की है, जिसमें कई महत्वपूर्ण खुलासे हुए हैं।
डीजीपी ने बताया कि विशेष अभियान में यूपी एसटीएफ ने प्रतिबंधित दवाओं की तस्करी में शामिल 9 आरोपी धर्मेंद्र कुमार विश्वकर्मा, पवन गुप्ता, लेकपाल आनंद, विशाल राणा, विशाल सिंह, जितेंद्र कुमार, सजीव कुमार, अमित कुमार सिंह और अमित टाट को गिरफ्तार किया है। इनके पास से बड़े पैमाने पर अवैध स्टॉक और फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए।
लखनऊ जोन: 11 अभियोग दर्ज, 2 आरोपी रूपेश राय और पवन रस्तोगी गिरफ्तार।
बरेली जोन: 4 अभियोग, 2 आरोपी अतुल कुमार और राकेश रस्तोगी गिरफ्तार।
गोरखपुर जोन: 10 अभियोग, 3 आरोपी नीरज दीक्षित, अली शेर मेहराब, और मोहम्मद आफताब गिरफ्तार।
वाराणसी जोन: 2 मुकदमे, 4 आरोपी—अत्रि राम, विशाल जायसवाल, बाबर अहमद और आजाद सिंह—गिरफ्तार।
खाद्य एवं औषधि प्रशासन आयुक्त डॉ. रोशन जैकब ने कहा कि अब तक यूपी में कोडीनयुक्त सिरप से किसी मौत की पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि दवाओं के अवैध भंडारण, बिना परमिट खरीद-बिक्री और फर्जी प्रिस्क्रिप्शन के आधार पर अनियमित वितरण की शिकायतों पर तेजी से कार्रवाई की जा रही है। अब तक 279 आरोपी चिह्नित हैं, 28 जिलों में 128 अभियोग पंजीकृत हैं, कई लाइसेंस निलंबित/रद्द हैं, और 1-3 वर्षों से असामान्य स्तर पर की जा रही खरीद-बिक्री के ठोस प्रमाण मिले हैं। मुकदमे बीएनएस अधिनियम 2023, एनडीपीएस एक्ट और ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत दर्ज किए गए हैं।
डीजीपी ने बताया कि सोनभद्र पुलिस ने दो ट्रकों से 1,19,675 बोतल कोडीनयुक्त सिरप बरामद किए हैं और तीन तस्कर हेमलत पाल, ब्रजमोहन शिवहरे और रामगोपाल धाकड़ को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा रांची, झारखंड से लाई गई 13,400 बोतलें भी जब्त हुई हैं। गाजियाबाद और सोनभद्र पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में 1,57,350 बोतलें बरामद की गईं तथा 8 आरोपी सोहन त्यागी, शादाब, शेखर उर्फ बेम, सलीम खीरी, अनस मलिक, जितेंद्र सिंह, दीपक कुमार और सुशील यादव गिरफ्तार हुए।
डीजीपी राजीव कृष्णा ने बताया कि प्रतिबंधित दवाओं का अवैध इस्तेमाल नेपाल व बांग्लादेश के रास्ते यूपी तक होने की आशंका है। गाजियाबाद और वाराणसी के कुछ रूटों पर तस्करी के संकेत मिले हैं। दस्तावेजों से पता चला है कि कई मेडिकल स्टोर, डिस्ट्रीब्यूटर और थोक विक्रेता फर्जी प्रिस्क्रिप्शन और गलत रिकॉर्ड के माध्यम से कोडीनयुक्त सिरप की अवैध खरीद-बिक्री कर रहे थे। औषधि विभाग के मुताबिक अब तक 279 लोगों को इस नेटवर्क का हिस्सा मानते हुए चिह्नित किया गया है और कई के लाइसेंस निलंबित/रद्द कर दिए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि एसआईटी के गठन से इस पूरे रैकेट की जड़ों तक पहुंचने और इसे पूरी तरह खत्म करने में बड़ी मदद मिलेगी।