क्या यूपी में जीसीएम प्रणाली तीन चरणों में लागू होने जा रही है?

सारांश
Key Takeaways
- उत्तर प्रदेश में ग्रीन सिटी मॉनिटरिंग प्रणाली की शुरुआत हुई है।
- यह प्रणाली तीन चरणों में 2025 से 2030 तक लागू होगी।
- जीसीएम प्रणाली के तहत ग्रीन कवर की तीन स्तरों पर निगरानी की जाएगी।
- यह पहल स्थायी शहरी विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।
- शहरों को उनके जीसीएम अंकों के आधार पर श्रेणियों में रखा जाएगा।
लखनऊ, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के नगर विकास विभाग ने शहरी हरित नीति के अंतर्गत एक महत्वाकांक्षी पहल की शुरुआत की है, जिसके चलते प्रदेश के शहरों में ग्रीन कवर की निगरानी के लिए ग्रीन सिटी मॉनिटरिंग (जीसीएम) प्रणाली विकसित की जाएगी। नगर विकास विभाग, जीसीएम प्रणाली के तहत प्रदेश के शहरों के ग्रीन कवर और पर्यावरण संरक्षण के लिए किए गए कार्यों के आधार पर तीन स्तरीय मॉनिटरिंग करेगा।
मॉनिटरिंग की प्रक्रिया पूरे प्रदेश में तीन चरणों में संचालित होगी, जो 2025 से शुरू होकर 2030 तक लागू की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दृष्टिकोण के अनुसार, नगर विकास विभाग की यह पहल यूपी में सतत और संपोषणीय शहरी विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दृष्टिकोण के अनुरूप, प्रदेश के शहरों में पर्यावरण संरक्षण और हरित आवरण को बढ़ाने के उद्देश्य से नगर विकास विभाग ने ग्रीन सिटी मॉनिटरिंग (जीसीएम) प्रणाली विकसित की है। जीसीएम प्रणाली के तहत प्रदेश के शहरों के ग्रीन कवर की तीन स्तरों - निकाय स्तर, राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर पर मॉनिटरिंग की जाएगी। निकाय स्तर पर नगर आयुक्त या जिला अधिकारी जिला पर्यावरण समिति का गठन कर, हरित कार्यों की त्रैमासिक और वार्षिक रिपोर्ट स्टेट पोर्टल पर अपलोड करेंगे।
राज्य स्तर पर स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत राज्य स्तरीय तकनीकी समिति और एक समर्पित निगरानी टीम मॉनिटरिंग का कार्य करेंगे। तृतीय स्तर पर राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित संस्थान थर्ड पार्टी निरीक्षण के माध्यम से शहरों के कार्यों का सत्यापन करेंगे। यह निगरानी भू-संदर्भित उपकरणों, मोबाइल एप्लिकेशन, उपग्रहीय आंकड़ों और वनस्पति सूचकांक के माध्यम से होगी, जिससे पौधों के स्वास्थ्य और हरित आवरण की वृद्धि का सटीक आकलन होगा।
प्रदेश का नगर विकास विभाग शहरी हरित नीति को तीन चरणों में लागू करेगा। पहले चरण में यह नीति 2025 से 2027 तक प्रदेश के स्मार्ट शहरों और प्रमुख महानगरों पर ध्यान केंद्रित करेगी। दूसरे चरण में 2027 से 2030 तक उन शहरों को शामिल किया जाएगा जिनकी जनसंख्या एक लाख से अधिक है। तीसरे चरण में वर्ष 2030 के बाद यह नीति पूरे राज्य की नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में लागू होगी। इसके आधार पर प्रदेश के शहरों को प्राप्त जीसीएम अंकों के आधार पर ग्रीन, ग्रीन+, ग्रीन++ और ग्रीन+++ की कैटेगरी में रखा जाएगा। जो शहर न्यूनतम मापदंडों को पूरा नहीं करेंगे, उन्हें अपात्र शहरों की कैटेगरी में रखा जाएगा।
जीसीएम कैटेगरी के अनुसार इन शहरों में नगरीय निकाय ग्रीन कवर को बढ़ाने के सभी संभव प्रयास करेंगे। इसमें प्रशासकीय प्रयत्नों के साथ जनभागीदारी को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इस आधार पर प्रदेश के सभी शहरों को अल्टीमेट ग्रीन सिटी के तौर पर विकसित करने का प्रयास किया जाएगा। योगी सरकार की यह पहल उत्तर प्रदेश को हरित और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ शहरों की दिशा में अग्रणी राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।