क्या सिद्धारमैया सरकार में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार है?

सारांश
Key Takeaways
- भ्रष्टाचार के आरोप कर्नाटक में राजनीतिक गर्मी बढ़ा रहे हैं।
- आंतरिक कलह कांग्रेस पार्टी के लिए एक चुनौती है।
- बी. सुरेश गौड़ा ने मंत्री जमीर अहमद खान को हटाने की मांग की है।
- कर्नाटक की जनता कुशासन से त्रस्त हो चुकी है।
- सरकार को जनता की अपेक्षाओं का ध्यान रखना होगा।
तुमकुरु, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक के तुमकुरु ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक बी. सुरेश गौड़ा ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
गौड़ा ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व को अनुभवहीन और अप्रभावी बताते हुए सरकार पर भ्रष्टाचार और पार्टी में आंतरिक कलह का आरोप लगाया।
उन्होंने सिद्धारमैया सरकार को “भ्रष्टाचार में नंबर वन” करार दिया और मांग की कि मंत्री जमीर अहमद खान को तुरंत मंत्रिमंडल से हटाया जाए।
गौड़ा ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक बी.आर. पाटिल और बसवराज रायरेड्डी ने भी सरकार के भीतर भ्रष्टाचार के प्रति गंभीर चिंता जताई है। इन नेताओं ने खासकर मंत्री प्रियांक खड़गे की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।
गौड़ा ने आरोप लगाया कि इन वरिष्ठ नेताओं के विरोध के बावजूद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के दबाव में प्रियांक खड़गे को मंत्रिमंडल में शामिल किया।
उन्होंने इसे कांग्रेस के आंतरिक लोकतंत्र की कमी का उदाहरण बताया और कहा कि यह निर्णय पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी को दर्शाता है।
भाजपा विधायक ने सिद्धारमैया पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार के दलदल में डूबी हुई है। कर्नाटक की जनता इस कुशासन से त्रस्त हो चुकी है।
गौड़ा ने विशेष रूप से जमीर अहमद खान का जिक्र करते हुए मांग की कि उन्हें मंत्रिमंडल से तुरंत हटाया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया इस मामले में कार्रवाई करने में विफल रहते हैं, तो भाजपा कार्यकर्ता पूरे राज्य में जिला प्रशासन कार्यालयों का घेराव करेंगे।
गौड़ा ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी को बी.आर. पाटिल जैसे नेताओं की असहमति को गंभीरता से लेना चाहिए। यदि सिद्धारमैया सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने में असमर्थ है, तो पार्टी को पाटिल को उनकी आलोचना के लिए निलंबित करना चाहिए।