क्या कांगो में बढ़ती हिंसा से हालात और बिगड़ रहे हैं? 1.36 लाख से अधिक लोग बुंडी और युगांडा में शरण लेने को मजबूर : यूनिसेफ

सारांश
Key Takeaways
- कांगो में हिंसा के कारण 1.36 लाख लोग विस्थापित हुए हैं।
- यूनिसेफ ने 2.2 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सहायता की मांग की है।
- युगांडा और बुरुंडी शरणार्थियों के लिए प्रमुख गंतव्य हैं।
- बच्चों में गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है।
- राजनीतिक अस्थिरता स्थिति को और बिगाड़ रही है।
किंशासा, 24 जून (राष्ट्र प्रेस)। कांगो के पूर्वी क्षेत्र में बढ़ती हिंसा के कारण इस वर्ष जनवरी से अब तक 1.36 लाख से अधिक लोग पड़ोसी देशों बुरुंडी और युगांडा में शरण लेने के लिए मजबूर हो गए हैं। यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने सोमवार को साझा की।
यूनिसेफ के अनुसार, युगांडा ने पूर्वी कांगो से आए लगभग 67,000 शरणार्थियों को आश्रय दिया है। वहीं, बुरुंडी में 70,000 से अधिक लोग, जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे शामिल हैं, शरण ले चुके हैं। यूनिसेफ ने इस मानवीय संकट को “दुनिया की सबसे गंभीर आपात स्थितियों में से एक” बताया है।
यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार, शरणार्थियों को भोजन, साफ पानी, चिकित्सकीय देखभाल और सुरक्षा की अत्यधिक आवश्यकता है। युगांडा और बुरुंडी के ट्रांजिट केंद्र पहले से ही पूरी तरह भरे हुए हैं और अब अतिरिक्त दबाव सहन करने में असमर्थ हैं।
बताया गया है कि बारिश का मौसम शुरू होने से स्थिति और भी बिगड़ रही है। बाढ़, संक्रामक रोगों और विस्थापन के बढ़ने का खतरा भी बढ़ गया है। बच्चों में कुपोषण, हैजा और खसरा जैसी गंभीर बीमारियों की दर भी बढ़ रही है।
यूनिसेफ ने राहत कार्यों को तेज करने के लिए 2.2 करोड़ अमेरिकी डॉलर (लगभग 183 करोड़ रुपए) की तत्काल सहायता की अपील की है। एजेंसी ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द धन नहीं मिला, तो आवश्यक सेवाएं बाधित हो जाएंगी और लाखों लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है।
पूर्वी कांगो में हालात जनवरी से और बिगड़ते जा रहे हैं, जब से एम23 विद्रोही समूह ने फिर से सक्रियता दिखाई है। इस समूह ने गोमा और बुकावु जैसे रणनीतिक शहरों पर कब्जा कर लिया है, जिससे लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं।
एम23 विद्रोही समूह पर कांगो की सरकार ने रवांडा से समर्थन मिलने का आरोप लगाया है। हालांकि, रवांडा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए उल्टे कांगो की सेना पर 1994 के नरसंहार में शामिल समूहों से मिलीभगत का आरोप लगाया है।
पूर्वी कांगो में वर्षों से जारी संघर्ष ने इस क्षेत्र को अस्थिर बना रखा है। एम23 जैसे विद्रोही गुटों की गतिविधियां, राजनीतिक अस्थिरता और बाहरी दखल के कारण हालात और भी खराब होते जा रहे हैं।