क्या ओमान खाड़ी क्षेत्र का पहला देश बन गया है जिसने इनकम टैक्स लागू किया?

सारांश
Key Takeaways
- ओमान अब खाड़ी क्षेत्र का पहला देश है जिसने इनकम टैक्स लागू किया है।
- यह पाँच प्रतिशत आयकर 2028 से लागू होगा।
- यह कर केवल 42,000 ओमानी रियाल या उससे अधिक आय वालों पर लागू होगा।
- इसका उद्देश्य तेल पर निर्भरता कम करना है।
- सरकार सामाजिक कल्याण में कोई कमी नहीं लाएगी।
दुबई, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। ओमान अब खाड़ी क्षेत्र का पहला ऐसा राष्ट्र बन गया है, जिसने इनकम टैक्स लगाने का निर्णय लिया है। यह एक ऐतिहासिक कदम है, जो देश की आर्थिक विकास योजनाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाने की दिशा में उठाया गया है।
राजकीय ओमानी समाचार एजेंसी के अनुसार, यह पाँच प्रतिशत आयकर जनवरी 2028 से लागू होगा और यह केवल उन व्यक्तियों पर लागू होगा जिनकी वार्षिक आय 42,000 ओमानी रियाल (लगभग 1.09 लाख अमेरिकी डॉलर) या उससे अधिक है। इसका अर्थ है कि यह नया कर केवल सबसे ऊँचे आय वर्ग को प्रभावित करेगा।
खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के छह सदस्य देशों में से कोई भी देश वर्तमान में आयकर नहीं लगाता है। यह कर-मुक्त व्यवस्था प्रवासी श्रमिकों के लिए विशेष रूप से आकर्षक है, विशेषकर सऊदी अरब, यूएई और कतर जैसे देशों में।
ओमान के वित्त मंत्री सईद बिन मोहम्मद अल-सक्री ने कहा कि यह कदम देश को तेल पर निर्भरता से मुक्त करने और सार्वजनिक राजस्व को विविधतापूर्ण बनाने के लिए उठाया गया है, जबकि सामाजिक कल्याण के खर्च में कोई कमी नहीं आएगी।
वित्त मंत्रालय का कहना है कि 2028 में लागू होने वाला व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) देश की वित्तीय स्थिरता को मजबूत करने और राजकोषीय टिकाऊपन के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसका उद्देश्य विकास के विभिन्न क्षेत्रों के लिए स्थायी वित्त पोषण सुनिश्चित करना है।
मंत्री ने कहा, "यह नया कर राजस्व का एक वैकल्पिक स्रोत बनकर सार्वजनिक आय में विविधता लाने और तेल पर निर्भरता से जुड़े जोखिमों को कम करने में मदद करेगा। इसके माध्यम से समाज कल्याण और सेवा क्षेत्रों पर होने वाले व्यय को बनाए रखते हुए ओमान विजन 2040 और 10वीं पंचवर्षीय योजना (2021-2025) के लक्ष्यों को हासिल किया जाएगा।"
उन्होंने बताया कि यह कर व्यवस्था ओमान की अर्थव्यवस्था को दीर्घकालिक स्थिरता प्रदान करेगी, सरकारी राजस्व को मजबूत बनाएगी, और देश की क्रेडिट रेटिंग, सार्वजनिक खर्च की क्षमता और आर्थिक मांग को भी बढ़ावा देगी।
मंत्री ने यह भी कहा कि वर्तमान में ओमान के कुल सरकारी राजस्व का 68 प्रतिशत से 85 प्रतिशत हिस्सा तेल और गैस से आता है, जो वैश्विक ऊर्जा कीमतों पर निर्भर करता है और अत्यधिक अस्थिर है। हाल के वर्षों में तेल की कीमतें स्थिर रही हैं, लेकिन इनके अस्थिर रहने का खतरा बना रहता है।
ओमान ने अतिरिक्त तेल आय का उपयोग सार्वजनिक कर्ज को सुरक्षित स्तर तक कम करने, निवेश और सामाजिक खर्च बढ़ाने और आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं पर सब्सिडी देने में प्रभावी ढंग से किया है।