क्या यूपी के मिर्जापुर में धर्म परिवर्तन के आरोपी को पुलिस ने पकड़ा?

सारांश
Key Takeaways
- धर्मांतरण के मामले में पुलिस की कार्रवाई महत्वपूर्ण है।
- केरल का निवासी आरोपी ट्रस्ट का ट्रस्टी था।
- लोगों को धन और नौकरी का लालच देकर धर्म परिवर्तन करवाया गया।
- मामले में पहले भी गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
- उत्तर प्रदेश में धर्म परिवर्तन के खिलाफ सख्त कानून हैं।
मिर्जापुर, २२ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में धर्म के नाम पर धर्मांतरण का एक खेल चल रहा था। इस मामले में पुलिस ने मंगलवार को तीसरे आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
विंध्याचल थाना पुलिस को इस मामले में एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। पुलिस ने आरोपी विजय कुमार, पुत्र स्व. माधवन को गिरफ्तार किया। आरोपी का मूल निवास केरल है और वह एक ट्रस्ट का ट्रस्टी होने का दावा कर रहा था। वह धन, नौकरी और शारीरिक स्वास्थ्य का लालच देकर धर्म परिवर्तन करवाता था। अब पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को जेल भेज दिया है।
इस मामले की शुरुआत तब हुई जब विनय प्रताप सिंह, पुत्र लल्लन सिंह, निवासी भतड़ा, थाना जिगना ने २२ जून को विंध्याचल थाना में नामजद आरोपियों के खिलाफ धर्म परिवर्तन के आरोप में शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत के आधार पर उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, २०२१ के तहत मामला दर्ज किया गया।
इससे पहले, २३ जून को विंध्याचल थाना में पंजीकृत मामले में धर्म परिवर्तन के आरोप में यीशु दरबार के नाम पर चल रहे एक गिरोह के तहत नाबालिग समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
मिर्जापुर के सीओ सिटी विवेक जावला ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, "धर्मेंद्र कुमार विंध्याचल थाना क्षेत्र के डेगहा कलना गहरवार का निवासी है। उसने २००३ में एक ट्रस्ट के नाम पर कलना गहरवार में जमीन खरीदी थी। मूल रूप से वह चंदौली जिले के नौगढ़ का निवासी है।"
उन्होंने आगे बताया, "आज विजय कुमार, पुत्र स्व. माधवन को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी मूल रूप से केरल का रहने वाला है एवं एक ट्रस्ट का ट्रस्टी होने का दावा करता है। वह धन, नौकरी और शारीरिक स्वास्थ्य का लालच देकर धर्म परिवर्तन करवाता था।"