क्या जम्मू संभाग में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए उपराज्यपाल ने उच्चस्तरीय बैठक की?
सारांश
Key Takeaways
- उपराज्यपाल ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की।
- आतंकवाद के खिलाफ 360-डिग्री दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता।
- आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- बैठक में कई उच्च अधिकारियों ने भाग लिया।
- पुलिस ने हाल ही में आतंकवादियों के खिलाफ सफल कार्रवाई की।
जम्मू-कश्मीर, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस) - जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को जम्मू संभाग में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया। उपराज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर पुलिस को आतंकवादी नेटवर्क को नष्ट करने में उनकी सतर्कता और त्वरित प्रतिक्रिया के लिए बधाई दी।
उपराज्यपाल ने कहा, "आतंकवाद के वित्तपोषण, मादक पदार्थों से जुड़े आतंकवादियों, ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) और समर्थकों पर व्यापक कार्रवाई के साथ आतंकवाद के खिलाफ हमारा 360-डिग्री दृष्टिकोण आतंकवादियों के संपूर्ण ढांचे को ध्वस्त करने पर केंद्रित है। हमारे प्रयास यह सुनिश्चित करेंगे कि जम्मू-कश्मीर से आतंकवादी तंत्र के अवशेष पूरी तरह से समाप्त हो जाएं।"
उन्होंने अधिकारियों को उभरती सुरक्षा चुनौतियों के प्रति सतर्क रहने का निर्देश दिया। उपराज्यपाल ने आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहनशीलता की नीति पर जोर दिया और अधिकारियों से आतंकवाद से सहानुभूति रखने वालों, सक्रिय कार्यकर्ताओं और युवाओं को कट्टरपंथी बनाने की कोशिश कर रहे आतंकवादी तत्वों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने को कहा।
उन्होंने आतंकवादियों के खिलाफ खुफिया जानकारी के आधार पर अभियानों को तेज करने का निर्देश दिया और आतंकवादी संगठनों द्वारा कट्टरपंथ और वित्तपोषण के लिए इस्तेमाल किए जा रहे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर नजर रखने के लिए ठोस प्रयास करने को कहा।
इस बैठक में मुख्य सचिव अटल डुल्लू, डीजीपी नलिन प्रभात, जम्मू-कश्मीर पीएचक्यू के विशेष महानिदेशक (समन्वय) एसजेएम गिलानी, गृह विभाग के प्रधान सचिव चंद्राकर भारती, सीआईडी के एडीजीपी नीतीश कुमार, उपराज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ. मंदीप के भंडारी, जम्मू के आईजीपी भीम सेन टूटी, जम्मू के संभागीय आयुक्त रमेश कुमार, यातायात के आईजीपी एम सुलेमान चौधरी के साथ ही जम्मू संभाग के डीआईजी, उपायुक्त और एसएसपी उपस्थित थे।
पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकियों के खिलाफ जांच में तेजी दिखाई और डॉक्टरों के एक गिरोह को पकड़ा जो आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था। यह गिरोह दिल्ली में हुए विस्फोट से भी जुड़ा हुआ है। पुलिस ने जांच में व्हाइट कॉलर आतंकी मॉड्यूल का खुलासा किया था।