क्या लोग मानते हैं कि सीपी राधाकृष्णन एक उत्कृष्ट उपराष्ट्रपति होंगे? : पीएम मोदी

सारांश
Key Takeaways
- उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को होगा।
- सीपी राधाकृष्णन एनडीए के उम्मीदवार हैं।
- पीएम मोदी ने चुनाव के महत्व पर जोर दिया।
- बीआरएस ने मतदान में भाग नहीं लेने का निर्णय लिया।
- मतदाता को अपने अधिकार का सही उपयोग करना चाहिए।
नई दिल्ली, ८ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। देश में मंगलवार ९ सितंबर को उपराष्ट्रपति चुनाव का आयोजन किया जाएगा। उस दिन मतदान होगा और शाम तक परिणाम आने की उम्मीद है। एनडीए की ओर से सीपी राधाकृष्णन और इंडिया गठबंधन की ओर से पी सुदर्शन रेड्डी उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार हैं। एक दिन पहले, नई दिल्ली में सोमवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की बैठक हुई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उपस्थित थे।
पीएम नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करके कहा कि उन्होंने दिल्ली में एनडीए की बैठक में भाग लिया, जिसमें एनडीए परिवार के सभी सांसद शामिल हुए। थिरु सीपी राधाकृष्णन की नामांकन ने सभी जगह पर उत्साह पैदा किया है। लोगों का मानना है कि वह एक उत्कृष्ट उपराष्ट्रपति साबित होंगे, जो अपनी बुद्धिमत्ता और अंतर्दृष्टि के साथ इस पद को समृद्ध करेंगे।
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर कहा कि सांसदों को मंगलवार को सही तरीके से वोट डालने चाहिए। यदि कोई वोट इनवैलिड होता है, तो यह सही संदेश नहीं देता कि सांसद सही तरीके से वोट नहीं डाल रहे हैं।
एनडीए सांसदों की बैठक के बाद, पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने संसद भवन की लाइब्रेरी बिल्डिंग में बैठक की।
आपको बता दें कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने २१ जुलाई को अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपने इस्तीफे में स्वास्थ्य की परिस्थितियों का हवाला दिया था। इसके बाद उपराष्ट्रपति का पद खाली हो गया था और अब यह चुनाव हो रहा है।
वहीं, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने घोषणा की है कि वह उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से दूर रहेगी। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामाराव (केटीआर) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि चूंकि चुनाव में नोटा का विकल्प नहीं है, इसलिए पार्टी ने मतदान से दूरी बनाने का निर्णय लिया है।
उन्होंने याद दिलाया कि बीआरएस ने उस गठबंधन को समर्थन देने की पेशकश की थी, जो तेलंगाना के लिए दो लाख टन यूरिया की आपूर्ति सुनिश्चित करे, लेकिन न तो एनडीए और न ही इंडिया गठबंधन ने किसानों के लिए यूरिया उपलब्ध कराने की बात मानी, जिसके चलते पार्टी ने मतदान से दूर रहने का निर्णय लिया।