क्या उत्तर प्रदेश में जन्म प्रमाण पत्र के लिए आधार कार्ड मान्य नहीं है: केशव प्रसाद मौर्य का क्या कहना है?
सारांश
Key Takeaways
- आधार कार्ड अब जन्म प्रमाण का प्रमाण नहीं होगा।
- सरकार का यह कदम धोखाधड़ी पर रोक लगाने के लिए है।
- सपा के नेताओं के बयानों पर राजनीतिक विवाद भी हो सकते हैं।
- प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की तरक्की जारी है।
- विदेश मंत्रालय नेपाल के नए मैप पर कार्य कर रहा है।
लखनऊ, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में आधार कार्ड अब जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं होगा। यूपी सरकार ने सभी विभागों को इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे प्रदेश में धोखाधड़ी और घोटाले पर रोक लगेगी।
केशव प्रसाद मौर्य ने मीडिया से बातचीत में कहा, "यह निर्णय सरकार की तरफ से एक सकारात्मक कदम है, जिसे सभी को स्वीकार करना चाहिए। इससे प्रदेश के अपराधियों पर नियंत्रण होगा और उन पर कार्रवाई भी होगी।"
उन्होंने सपा नेता आजम खान पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में कई लोग दो पैनकार्ड बनाकर विधायक बन जाते हैं। इस नए नियम के लागू होने से उन लोगों पर भी काबू पाया जाएगा।
केशव मौर्य ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पर भी टिप्पणी की, "अखिलेश यादव खुद जो कह रहे हैं, उसमें भ्रमित नजर आ रहे हैं। हमारी सेना के जवान ही भारत के असली रक्षक हैं और ऐसी नई मांगें करना गलत है। उन्हें जाति-आधारित राजनीति को अपने समुदाय तक ही सीमित रखना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव का राजनीतिक भविष्य अनिश्चित लग रहा है, जिससे उनके भीतर बेचैनी स्पष्ट है।
लोवी इंस्टीट्यूट के वर्ल्ड पावर इंडेक्स में भारत की तेज़ी से हो रही प्रगति पर बधाई देते हुए, उप मुख्यमंत्री ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक सुपरपावर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। हर कोई अपने तरीके से विकसित भारत में योगदान दे रहा है।"
नेपाल के नए मैप के साथ 100 रुपए के नोट जारी करने के मुद्दे पर केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "यह मामला विदेश मंत्रालय देखेगा। इस पर मेरे लिए कुछ भी कहना उचित नहीं है।"