क्या उत्तर प्रदेश में ‘स्कूल रेडीनेस मूवमेंट’ हर बच्चे को मजबूत फाउंडेशनल शिक्षा देगा?
सारांश
Key Takeaways
- स्कूल रेडीनेस मूवमेंट बच्चों को आत्मविश्वास से ग्रेड-1 में प्रवेश करने के लिए तैयार करता है।
- इसमें विशेष शिक्षण गतिविधियाँ शामिल हैं जो बच्चों के विकास में मदद करती हैं।
- टीचर्स को उन्नत प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- बच्चों की फाउंडेशनल शिक्षा को सशक्त किया जाएगा।
- सरकारी स्कूलों में नामांकन में वृद्धि होगी।
लखनऊ, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में प्रारंभिक और फाउंडेशनल शिक्षा को मजबूती प्रदान करने के लिए बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह की अगुवाई में राज्यभर में ‘स्कूल रेडीनेस मूवमेंट’ का एक व्यापक अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य 5 से 6 वर्ष के बच्चों को आंगनबाड़ी (बालवाटिका) केंद्रों में सही ढंग से तैयार करना है ताकि वे ग्रेड-1 में आत्मविश्वास, कौशल और उत्साह के साथ प्रवेश कर सकें।
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने इस पहल के बारे में कहा कि हमारा लक्ष्य स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश का कोई भी बच्चा सीखने की दौड़ में पीछे न रहे। इस अभियान का मूल उद्देश्य हर बच्चे को समान अवसर, मजबूत शुरुआत और गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करना है। स्कूल रेडीनेस मूवमेंट के तहत बालवाटिकाओं में बच्चों के लिए विशेष रूप से तैयार की गई शिक्षण गतिविधियों की शुरुआत की गई है। इसमें प्रारंभिक भाषा एवं संख्यात्मक कौशल, समस्या समाधान क्षमता, मोटर स्किल एवं रचनात्मकता, सामाजिक व्यवहार एवं आत्मविश्वास और खेल आधारित शिक्षण जैसी गतिविधियाँ शामिल की गई हैं।
इन गतिविधियों को नियमित करने के लिए टीचर हैंडबुक, स्टूडेंट एक्टिविटी शीट्स और दैनिक पाठ योजना जैसी सामग्रियों को पूरे राज्य में सभी शिक्षकों तक पहुँचाया गया है। संदीप सिंह की निगरानी में पूरे प्रदेश में ईसीसीई एजुकेटर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और प्री-प्राइमरी नोडल शिक्षकों को बड़े पैमाने पर उन्नत प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन प्रशिक्षणों में कक्षा प्रबंधन, खेल आधारित शिक्षण, कहानी सुनाना, फाउंडेशनल साक्षरता-अंक ज्ञान पद्धतियां, और व्यवहारिक सीखने के मॉडल जैसे विषयों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह का कहना है कि प्रशिक्षित शिक्षक ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की नींव होते हैं। इसी सोच के तहत हम कक्षा 1 में प्रवेश से पहले बच्चों के सीखने के स्तर को पूरी तरह मजबूत कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ने यह विशेष रूप से रेखांकित किया है कि आंगनबाड़ी ही वह स्थान है जहां आदतें बनती हैं, जिज्ञासा पनपती है, आत्मविश्वास विकसित होता है और सीखने का पहला अनुभव मिलता है। इसलिए आंगनबाड़ी स्तर पर कक्षाओं को मजबूत करना आने वाले वर्षों में बच्चों की सीखने की क्षमता और शैक्षणिक परिणामों में बड़ा बदलाव लाएगा।
स्कूल रेडीनेस मूवमेंट से दो महत्वपूर्ण बदलाव होंगे। पहला, सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ेगा। आंगनबाड़ी से ग्रेड-1 में सुगम परिवर्तन सुनिश्चित होने से सरकारी स्कूलों में प्रवेश दर में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। दूसरा, फाउंडेशनल शिक्षा मजबूत होगी, जैसे बेहतर प्रारंभिक तैयारी से बच्चे कक्षा 1 में तेजी से सीखेंगे। साथ ही आगे की कक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन करेंगे और पढ़ाई में आत्मविश्वास विकसित करेंगे। यह भविष्य में सीखने की हर चुनौती के लिए उन्हें सक्षम बनाएगा।
डीजी स्कूल एजुकेशन मोनिका रानी ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र ही बच्चों के सीखने की वास्तविक शुरुआत हैं। हम शिक्षकों को प्रशिक्षण और उपकरण देकर सुनिश्चित कर रहे हैं कि हर बच्चा मजबूत आधार के साथ आगे बढ़े।