क्या उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था ध्वस्त है? अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला किया!

सारांश
Key Takeaways
- कानून-व्यवस्था की स्थिति गंभीर है।
- अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।
- दलित समुदाय को उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।
- निवेश में कमी आ रही है।
- मुख्यमंत्री के दावों का असत्य होना।
लखनऊ, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था पर राज्य सरकार की नीतियों को लेकर शुक्रवार को कड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अब राज्य की आम जनता भय और असुरक्षा के माहौल में जी रही है और अपराधियों के हौसले आसमान छू रहे हैं।
अखिलेश यादव ने एक प्रेस बयान में कहा कि सरकार का दावा था कि अपराधी 'या तो अपराध छोड़ देंगे या प्रदेश छोड़ देंगे'। लेकिन आज प्रदेश में सिर्फ अपराधी ही बेखौफ घूम रहे हैं। हत्या, लूट, डकैती और बलात्कार जैसी घटनाएं रोजमर्रा की बात बन चुकी हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश का शासन-प्रशासन अब जंगलराज में बदल चुका है और मुख्यमंत्री केवल भाषणों में आत्ममुग्ध हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी लखनऊ सहित विभिन्न जिलों में प्रतिदिन अपराध की घटनाएं हो रही हैं। भाजपा सरकार में दलित समुदाय को सबसे अधिक उत्पीड़न झेलना पड़ रहा है। उन्होंने बाराबंकी की एक घटना का उल्लेख करते हुए बताया कि दलित युवक शैलेन्द्र गौतम को मंदिर में प्रवेश से रोका गया और उसकी बेरहमी से पिटाई कर दी गई। यादव ने राज्य के अन्य जिलों की घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि कासगंज में युवती के साथ दुष्कर्म, अलीगढ़ में किशोरी से गैंगरेप, सहारनपुर में एक नृत्यांगना के घर से लाखों की चोरी और मथुरा में दिनदहाड़े लूट जैसी घटनाएं अब आम हो गई हैं। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है और महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध लगातार बढ़ रहे हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि भय और अराजकता के कारण प्रदेश में निवेश आना बंद हो गया है और जो उद्योग पहले से हैं, वे भी राज्य से बाहर जाने का मन बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के दावे वास्तविकता में कहीं भी नजर नहीं आते।
सपा प्रमुख ने एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के लंबे समय से फरार रहने और धर्मांतरण तथा आतंकी साजिशों की घटनाओं का समय पर पता न चल पाने को भी सरकार की विफलता बताया।