क्या उत्तर प्रदेश में एसआईआर की निगरानी तेज हो गई है, 97.3 प्रतिशत डिजिटाइजेशन पूरा?

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क्या उत्तर प्रदेश में एसआईआर की निगरानी तेज हो गई है, 97.3 प्रतिशत डिजिटाइजेशन पूरा?

सारांश

उत्तर प्रदेश में एसआईआर की प्रगति और डिजिटाइजेशन के बारे में मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। इस बैठक में राजनीतिक दलों की सहभागिता, अनकलेक्टेबल मतदाताओं के सत्यापन, और प्रवासी मतदाताओं के लिए जरूरी प्रक्रियाएं चर्चा का हिस्सा रहीं।

Key Takeaways

  • 97.3 प्रतिशत डिजिटाइजेशन पूरा हुआ है।
  • अनकलेक्टेबल मतदाताओं की सत्यापन प्रक्रिया चल रही है।
  • प्रवासी मतदाता फॉर्म-6ए के जरिए वोट डाल सकते हैं।
  • बैठक में राजनीतिक दलों की सक्रियता को देखा गया।
  • चार विशेष रोल प्रेक्षक नियुक्त किए गए हैं।

लखनऊ, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रगति, निगरानी और पारदर्शिता को सुदृढ़ करने के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ तीसरी बैठक आयोजित की। उन्होंने बताया कि गणना चरण में अब तक 97.3 प्रतिशत डिजिटाइजेशन पूरा कर लिया गया है।

उन्‍होंने बताया कि वर्तमान में 17.7 प्रतिशत गणना प्रपत्र अनकलेक्टेबल हैं और लगभग 30 प्रतिशत मतदाताओं की मैपिंग शेष है। मृत, शिफ्टेड और अनुपस्थित मतदाताओं के सत्यापन में राजनीतिक दलों से सहयोग की अपील की गई है। दलों ने गणना चरण बढ़ाने का अनुरोध भी किया।

एसआईआर की निगरानी को और मजबूत करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने केंद्र सरकार के मंत्रालयों में तैनात 4 संयुक्त सचिव स्तर के आईएएस अधिकारियों को विशेष रोल प्रेक्षक नियुक्त किया है। इनमें निखिल गजराज, जावड़ी वी नागा सुब्रमण्यम, कुणाल और सिद्धार्थ जैन शामिल हैं। इन अधिकारियों को प्रदेश के विभिन्न मंडलों सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद, अलीगढ़, लखनऊ, कानपुर, आगरा, बरेली, झांसी, चित्रकूट धाम, प्रयागराज, देवीपाटन, बस्ती, अयोध्या, वाराणसी, आजमगढ़, गोरखपुर और मिर्जापुर की निगरानी का दायित्व सौंपा गया है। ये अधिकारी मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन तक एसआईआर कार्यों की निगरानी करेंगे और आयोग के निर्देशों के अनुसार सुनिश्चित करेंगे कि कोई पात्र मतदाता छूटे नहीं और कोई अपात्र शामिल न हो।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राजनीतिक दलों को बताया कि अनकलेक्टेबल मतदाताओं के सत्यापन में बीएलए का सहयोग अनिवार्य है। जिन बूथों पर बीएलओ का कार्य पूरा हो गया है, वहां अनकलेक्टेबल मतदाताओं की सूची बीएलए को उपलब्ध कराई जाएगी, साथ ही यह सूची प्रत्येक जिले की वेबसाइट पर बूथवार उपलब्ध रहेगी।

उन्होंने कहा कि 12 दिसंबर तक बीएलओ और बीएलए की संयुक्त बैठकें कराई जाएं। रिणवा ने सभी मतदाताओं और राजनीतिक दलों को स्पष्ट किया कि प्रवासी भारतीय मतदाता (जो विदेशी नागरिकता न लेकर विदेश में रह रहे हैं) गणना प्रपत्र से नहीं, बल्कि फॉर्म-6ए के माध्यम से मतदाता बन सकते हैं। फॉर्म-6ए ऑनलाइन भी भरा जा सकता है।

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि किसी प्रवासी नागरिक का गणना प्रपत्र गलती से जमा हुआ है तो तत्काल बीएलओ को बताएं, अन्यथा जांच में दोषी पाए जाने पर कार्रवाई हो सकती है। वर्तमान में प्रदेश में 1533 प्रवासी मतदाता हैं और 115 नए फॉर्म-6A प्राप्त हुए हैं। बैठक में भाजपा, कांग्रेस, सपा, बसपा, सीपीआई (एम), आम आदमी पार्टी (आप) और अपना दल (एस) के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

Point of View

एसआईआर की निगरानी और डिजिटाइजेशन की प्रगति का विवरण प्रस्तुत किया गया है। यह चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बढ़ाने का एक प्रयास है। राजनीतिक दलों की सक्रियता और सरकारी अधिकारियों की नियुक्ति से यह स्पष्ट है कि चुनावी प्रक्रिया को लेकर गंभीरता है।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

एसआईआर का क्या महत्व है?
एसआईआर का महत्व चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और सत्यता को सुनिश्चित करना है।
डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया में क्या शामिल है?
डिजिटाइजेशन में मतदाता सूची का डिजिटल रूपांतरण और उसे ऑनलाइन उपलब्ध कराना शामिल है।
अनकलेक्टेबल मतदाताओं का क्या होगा?
अनकलेक्टेबल मतदाताओं की सूची बीएलए को उपलब्ध कराई जाएगी और उनके सत्यापन की प्रक्रिया चलती रहेगी।
प्रवासी मतदाता कैसे वोट डाल सकते हैं?
प्रवासी मतदाता फॉर्म-6ए के माध्यम से वोट डाल सकते हैं।
क्या बैठक का कोई विशेष उद्देश्य था?
बैठक का उद्देश्य एसआईआर की प्रगति की समीक्षा और राजनीतिक दलों की भागीदारी सुनिश्चित करना था।
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