क्या उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश ने तबाही मचाई है?

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क्या उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश ने तबाही मचाई है?

सारांश

उत्तराखंड में भारी बारिश की स्थिति ने कई जिलों में तबाही मचाई है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बचाव कार्यों की समीक्षा की और लोगों को सुरक्षित रहने की सलाह दी। जानें इस संकट से निपटने के लिए क्या किए जा रहे हैं प्रयास।

Key Takeaways

  • उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते रेड अलर्ट जारी है।
  • सीएम धामी ने रेस्क्यू टीम से मुलाकात की।
  • लोगों को घर के अंदर रहने की सलाह दी गई है।
  • बचाव अभियान जारी है।
  • प्रशासन राहत कार्यों में सक्रिय है।

देहरादून, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस) उत्तराखंड में मानसून के कहर के मद्देनजर कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी के साथ रेड अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने पौड़ी गढ़वाल, टिहरी, उत्तरकाशी, देहरादून, चंपावत, उधम सिंह नगर, बागेश्वर और नैनीताल के लिए 12 अगस्त तक रेड अलर्ट जारी किया है। इस बीच सीएम पुष्कर सिंह धामी ने रेस्क्यू टीम से मिलकर आवश्यक निर्देश दिए।

परिस्थिति को देखते हुए स्कूल बंद कर दिए गए हैं और लोगों को घर के अंदर रहने की सलाह दी गई है। पिछले सप्ताह से लगातार हो रही बारिश के कारण व्यापक तबाही हुई है, जिसमें उत्तरकाशी में दो और पौड़ी गढ़वाल में एक बादल फटने की घटना शामिल है। उत्तरकाशी के हर्षिल के पास धराली क्षेत्र में एक पूरा गांव बह गया। कई निवासी लापता बताए जा रहे हैं और बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चल रहा है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स पोस्ट कर जानकारी दी कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ टीम के साथ स्थिति का जायजा लिया जा रहा है। उन्होंने लिखा- "आज (7 अगस्त) प्रातः काल उत्तरकाशी में एनडीआरएफ, यूकेएसडीआरएफ और प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात कर धराली क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। साथ ही आज सुबह से प्रभावित क्षेत्रों में शुरू हुए हेली रेस्क्यू ऑपरेशन को और अधिक प्रभावी बनाने हेतु आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान उन्हें सड़क, संचार और बिजली की शीघ्र बहाली के साथ-साथ पेयजल व खाद्यान्न आपूर्ति की सघन निगरानी एवं त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।"

सीएम ने रेस्क्यू टीम की प्रशंसा करते हुए लिखा, "रेस्क्यू ऑपरेशन में 24 घंटे जुटी सभी टीमों के साहस और समर्पण की सराहना करता हूं। विषम परिस्थितियों में भी इन दलों की निष्ठा और कार्यकुशलता आपदा प्रबंधन में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत कर रही है।"

भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन के जवान फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए प्रतिकूल मौसम से जूझ रहे हैं। दुर्गम भूभाग और क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे के बावजूद, बचाव और राहत दल सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। पौड़ी गढ़वाल जिले के पाबौ और थलीसैंण ब्लॉकों में बुधवार को बादल फटने से कई लोगों की जान चली गई और घरों, सड़कों और पुलों को भारी नुकसान पहुंचा, गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ने इसकी पुष्टि की।

पौड़ी के ज़िला मजिस्ट्रेट ने पुष्टि की कि आपदा के बाद से प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में सक्रिय रूप से लगा हुआ है। इस बीच, चमोली जिले में तपोवन से आगे सलधार के पास, लगातार बारिश के कारण राजमार्ग का लगभग 20 मीटर हिस्सा बह गया है। क्षेत्र में संपर्क बहाल करने के लिए युद्धस्तर पर मरम्मत कार्य चल रहा है। राज्य के लगभग हर जिले में लगातार बारिश से हुई तबाही का आकलन किया जा रहा है। और अधिक नुकसान को कम करने और मानसून के प्रकोप से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए बड़े पैमाने पर राहत और बचाव अभियान चलाए जा रहे हैं।

Point of View

बल्कि पूरे देश की एकजुटता का प्रतीक है। हमें इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए एक ठोस योजना बनानी होगी।
NationPress
07/08/2025

Frequently Asked Questions

उत्तराखंड में बारिश के कारण क्या नुकसान हुआ है?
बारिश के कारण कई जिलों में बाढ़ आई है, घरों और सड़कों को भारी नुकसान पहुंचा है।
सीएम धामी ने रेस्क्यू टीम को क्या निर्देश दिए?
सीएम ने राहत और बचाव कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए।
क्या स्कूल बंद किए गए हैं?
हाँ, परिस्थिति को देखते हुए स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
कौन-कौन सी एजेंसियाँ बचाव कार्य में शामिल हैं?
भारतीय सेना, वायु सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और स्थानीय प्रशासन शामिल हैं।
क्या लोग सुरक्षित हैं?
लोगों को घर के अंदर रहने की सलाह दी गई है, लेकिन कुछ लोग लापता हैं।