क्या उत्तराखंड सरकार ने भ्रष्टाचार को शिष्टाचार बना दिया है? : हरीश रावत

सारांश
Key Takeaways
- भ्रष्टाचार को शिष्टाचार का रूप देने का आरोप
- आपदा प्रबंधन में कमी
- राजनीतिक नेताओं की आपसी संबंधों की जटिलता
देहरादून, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि राज्य की सरकार ने भ्रष्टाचार को शिष्टाचार में बदल दिया है।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए हरीश रावत ने कहा, "उत्तराखंड की सरकार ने भ्रष्टाचार को शिष्टाचार का रूप दे दिया है। जब सत्ता में भ्रष्टाचार होता है, तो उसे शिष्टाचार माना जाता है। विपक्ष में रहकर सही बात कहने पर भी आपको भ्रष्टारी समझा जाता है।"
सीबीआई द्वारा नोटिस मिलने पर हरीश रावत ने कहा, "वे हमारे मित्र हैं, जब भी चुनाव नजदीक आते हैं, वे हमारे पास आते हैं। इस बार भी आए हैं और हम उनके सम्मान का सम्मान करेंगे। मैंने उनसे अक्तूबर में मिलने का आग्रह किया है। यह सब चलता रहता है, लेकिन अब बहुत हो गया है। मुझे लगा था कि उम्र हो गई है और मुझे शायद इन चीजों से छुटकारा मिल जाएगा, लेकिन हमारे मित्र हमें सम्मान देना चाहते हैं। उनका स्वागत है।"
सिर्फ कांग्रेस नेताओं को ही सीबीआई और ईडी के नोटिस मिलने पर हरीश रावत ने कहा कि ऐसे कई नेता हैं, जिन्हें भाजपा महाभ्रष्ट कहती थी। आज वे सभी नेता भाजपा का हिस्सा हैं और उन्हें जैसे क्लीन चीट दे दी गई है। भाजपा के वाशिंग मशीन में बड़ी ताकत है।
हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड आपदा से जूझ रहा है। देहरादून की आपदा हमें कई चेतावनी दे रही है। पहले आपदा पहाड़ों में आती थी। 2013 में भी आपदा आई थी, लेकिन देहरादून पर उसका असर नहीं था। लेकिन इस बार देहरादून को भारी नुकसान हुआ है। देहरादून की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सरकार और बड़ी संस्थाओं ने कोई योजना नहीं बनाई है।
अगर अधिकारी मंत्रियों के फोन नहीं उठा रहे हैं, तो इसका अर्थ है कि शासन प्रभावहीन हो चुका है।
उन्होंने कहा, अधिकारी अगर मंत्रियों के फोन नहीं उठा रहे हैं, तो इसका अर्थ है कि शासन प्रभावहीन हो चुका है। मुख्यमंत्री आपदा के बाद दौरा कर रहे हैं, यह अच्छी बात है लेकिन बड़े पैमाने पर टूटे पुलों का कारण क्या है। क्या वे कमजोर बनाए गए थे। इसका जवाब सरकार को देना होगा।