क्या उत्तराखंड क्रांति दल के नेता दिवाकर भट्ट का निधन हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- दिवाकर भट्ट का निधन उत्तराखंड के लिए एक बड़ा सदमा है।
- उनका योगदान राज्य निर्माण आंदोलन में महत्वपूर्ण था।
- मुख्यमंत्री और अन्य नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।
- उन्होंने लंबे समय तक यूकेडी का नेतृत्व किया।
- भले ही उन्होंने भाजपा में शामिल हुए, उनका प्रभाव यूकेडी में बना रहा।
देहरादून, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट का निधन हो गया है। लंबे समय तक बीमारी से जूझने के बाद उन्होंने हरिद्वार में अपने निवास पर अंतिम सांस ली। वह पिछले कुछ दिनों से देहरादून के एक अस्पताल में भर्ती थे।
दिवाकर भट्ट के निधन पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गहरा दुख व्यक्त किया।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ आंदोलनकारी एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। राज्य निर्माण आंदोलन से लेकर जनसेवा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए कार्य सदैव अविस्मरणीय रहेंगे। ईश्वर से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा को श्रीचरणों में स्थान मिले और शोक संतप्त परिजनों व समर्थकों को यह असीम दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।"
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा ने भी दिवाकर भट्ट के निधन पर दुःख व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, "उत्तराखंड राज्य आंदोलन के प्रमुख अग्रणी, वरिष्ठ नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। राज्य की स्थापना से लेकर सार्वजनिक जीवन तक, उनका योगदान सदैव स्मरणीय और प्रेरणादायी रहेगा।"
भाजपा विधायक मदन कौशिक ने भी इस पर दुख जताते हुए लिखा, "उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले दिवाकर भट्ट के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। मां गंगा से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा को श्रीचरणों में स्थान दें।"
दिवाकर भट्ट उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के संस्थापकों में एक थे। उन्होंने लंबे समय तक इस पार्टी का सदस्य रहकर राज्य स्थापना आंदोलन का नेतृत्व किया। हालांकि, बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए थे, लेकिन पुनः यूकेडी में वापस लौट आए।