क्या भाजपा को वंदे मातरम पर दावा करने का कोई अधिकार है?: आदित्य ठाकरे
सारांश
Key Takeaways
- भाजपा का स्वतंत्रता संग्राम में कोई योगदान नहीं था।
- वंदे मातरम का ऐतिहासिक महत्व है।
- सरकार चुनावी नारों का दुरुपयोग करती है।
- निजी जेट यात्रा पर सवाल उठाए गए हैं।
- सरकार की सक्रियता केवल हादसों के बाद होती है।
नागपुर, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संसद में वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर हो रही चर्चा पर शिवसेना (यूबीटी) विधायक आदित्य ठाकरे ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि भाजपा को वंदे मातरम पर दावा करने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान इस आंदोलन से उनका कोई संबंध नहीं था।
आदित्य ठाकरे ने मीडिया से बातचीत में बताया कि वंदे मातरम स्वतंत्रता की लड़ाई के दौरान उठाया गया नारा था, जब हम अंग्रेजों का सामना कर रहे थे। उस समय भाजपा का कोई योगदान नहीं था, बल्कि वे इसके खिलाफ थे। ऐसे में वे किस आधार पर इस पर दावा कर रहे हैं?
उन्होंने राज्यसभा की हैंडबुक का उल्लेख करते हुए कहा कि इस वर्ष ‘जय हिंद’ और ‘वंदे मातरम’ जैसे नारों पर रोक भाजपा सरकार के समय ही लगाई गई। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा देशभक्ति और हिंदुत्व के नारों का चुनावी उपयोग करती है, लेकिन बाद में वही नारे प्रतिबंधित कर देती है।
आदित्य ठाकरे ने कहा कि यह स्पष्ट है कि भाजपा सिर्फ चुनावी समय में इन नारों का दुरुपयोग करती है, और बाद में खुद उन पर रोक लगा देती है।
आदित्य ठाकरे ने देशभर में इंडिगो की उड़ानों में देरी और कैंसिलेशन के बढ़ते मामलों पर सरकार और नेताओं की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाया।
उन्होंने बताया कि आज विधायक आए हैं, जबकि कल मुख्यमंत्री का प्राइवेट जेट दो-तीन बार इस्तेमाल हुआ। उपमुख्यमंत्री ने भी कई बार प्राइवेट जेट से यात्रा की। ये सभी नेता निजी विमान से आ-जा रहे हैं—इसका बिल कौन चुका रहा है? सरकार, यानी टैक्सपेयर्स, या वे खुद अपनी जेब से?
गोवा के एक क्लब में आग लगने की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं पर सरकार केवल हादसा होने के बाद सक्रिय होती है।
उन्होंने कहा कि हादसा होते ही सरकार नियम और कानून लागू करने दौड़ती है, लेकिन सामान्य समय में सब कुछ ढील के साथ चलता रहता है। सवाल यह है कि क्या राज्य में कानून व्यवस्था बची भी है?