क्या गुजरात में 14-15 अक्टूबर को ‘रबी कृषि महोत्सव-2025’ का आयोजन होगा?

सारांश
Key Takeaways
- कृषि विकास दिवस 14 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
- गुजरात सरकार 5 लाख किसानों को सहायता देगा।
- किसान प्राकृतिक कृषि के मॉडल फॉर्म का दौरा करेंगे।
- 2,800 प्रदर्शनी स्टॉल्स में नई तकनीकों की जानकारी मिलेगी।
- कृषि विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा।
गांधीनगर, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणादायी जनसेवा यात्रा के 24 वर्ष पूरे होने के अवसर पर समग्र गुजरात में 7 से 15 अक्टूबर के बीच विभिन्न थीमों पर आधारित ‘विकास सप्ताह’ मनाया जा रहा है। इस दौरान 14 अक्टूबर को ‘कृषि विकास दिवस’ के रूप में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
कृषि विकास दिवस के अवसर पर कृषि और किसान कल्याण विभाग द्वारा 14 और 15 अक्टूबर को ‘रबी कृषि महोत्सव-2025’ का आयोजन किया जाएगा, जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों को नवीनतम कृषि पद्धतियों, टेक्नोलॉजी और दृष्टिकोण से अवगत कराना है। इस महोत्सव का उद्घाटन मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और कृषि मंत्री राघवजी पटेल पंचमहाल-गोधरा के छबनपुर गांव में करेंगे।
कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने बताया कि विकास सप्ताह के तहत 14 और 15 अक्टूबर को राज्य में कुल 261 स्थानों पर जिला और तहसील स्तरीय रबी कृषि महोत्सव-2025 का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में राज्य के लगभग 3 लाख किसान भाग लेंगे।
उन्होंने कहा कि इस महोत्सव के दौरान गुजरात सरकार प्रगतिशील किसानों और पशुपालकों को विशेष सम्मान देगी। इसके अतिरिक्त, कृषि, बागवानी और पशुपालन विभाग की योजनाओं के अंतर्गत 5 लाख से अधिक लाभार्थी किसानों को 500 करोड़ रुपए की सहायता के मंजूरी पत्र वितरित किए जाएंगे।
इस महोत्सव में किसानों को रबी फसलों की बुवाई के लिए आधुनिक कृषि तकनीकों और प्राकृतिक खेती के संबंध में जानकारी दी जाएगी। राज्य की सभी तहसीलों में किसान प्राकृतिक कृषि के मॉडल फॉर्म का दौरा करेंगे, और विशेषज्ञों द्वारा खेती से जुड़ी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
कृषि मंत्री ने बताया कि महोत्सव के स्थलों पर 2,800 प्रदर्शनी स्टॉल लगाए जाएंगे, जिनमें आधुनिक कृषि तकनीकों, ड्रोन, और नई खेती पद्धतियों के बारे में जागरूकता फैलाने वाले स्टॉल शामिल होंगे।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2005 में अपने कार्यकाल के दौरान कृषि महोत्सव की परंपरा शुरू की थी, जिससे किसानों को सीधे विशेषज्ञों से संवाद का अवसर मिला। यह परंपरा अब मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में आगे बढ़ रही है।