क्या विपक्ष अयोग्य वोटर्स पर भरोसा कर रहा है? : दिनाकर लंका

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क्या विपक्ष अयोग्य वोटर्स पर भरोसा कर रहा है? : दिनाकर लंका

सारांश

बिहार में एसआईआर अभियान के मुद्दे पर भाजपा नेता दिनाकर लंका ने विपक्ष की रणनीति पर सवाल उठाया है। क्या अयोग्य मतदाताओं पर निर्भरता लोकतंत्र की सच्चाई है? जानिए इस मुद्दे पर उनके विचार।

Key Takeaways

  • एसआईआर अभियान में 50 लाख से अधिक अयोग्य मतदाता पाए गए हैं।
  • विपक्ष पर अयोग्य वोटर्स पर निर्भरता का आरोप लगाया गया है।
  • चुनाव आयोग की जांच प्रक्रिया महत्वपूर्ण है।

अमरावती, 25 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान को लेकर विरोधी दल हमलावर हो गए हैं। इस पर भाजपा नेता दिनाकर लंका ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने यह सवाल उठाया कि क्या विपक्षी दल बहुमत प्राप्त करने के लिए अयोग्य मतदाताओं पर निर्भर कर रहे हैं।

दिनाकर लंका ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि चुनाव आयोग ने बिहार में घर-घर जाकर सत्यापन प्रक्रिया के तहत 50 लाख से अधिक अयोग्य मतदाताओं की पहचान की है। इस विस्तृत जांच का उद्देश्य आगामी बिहार चुनाव के लिए एक सही मतदाता सूची तैयार करना है। सत्यापन में 18.67 लाख मृत मतदाता, 26 लाख ऐसे मतदाता जो अन्य स्थानों पर चले गए हैं, और 7.5 लाख मतदाता जिनके पास एक से अधिक मतदाता पंजीकरण हैं, शामिल हैं। कुल मिलाकर, मतदाता सूची में 50 लाख से अधिक अयोग्य मतदाता पाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इंडिया गठबंधन इस मुद्दे पर हंगामा कर रहा है। यह सवाल उठता है कि क्या वे अपने पक्ष में वोट डालने और बहुमत हासिल करने के लिए अयोग्य मतदाताओं पर भरोसा कर रहे हैं। क्या यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया में चुनाव आयोजित करने का सही तरीका है? बिल्कुल नहीं। यह गलत तरीका है। कांग्रेस और राजद चुनाव आयोग पर अनुचित आरोप लगा रहे हैं और एनडीए के सहयोगियों को घेरने की कोशिश कर रहे हैं, यह वास्तव में चिंता का विषय है।

बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार इस मुद्दे पर नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार और चुनाव आयोग को घेर रहे हैं। तेजस्वी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में 'एसआईआर' मुद्दे पर बिहार चुनाव का बहिष्कार करने के संकेत दिए थे।

उन्होंने कहा कि इस विषय पर जनता से संवाद करेंगे। जब चुनाव ईमानदारी से नहीं होंगे, जब भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रदान की गई मतदाता सूची पर चुनाव होंगे, तो ऐसे चुनाव का क्या अर्थ होगा?

Point of View

यह स्पष्ट है कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए एक सही और स्पष्ट मतदाता सूची अनिवार्य है। अयोग्य मतदाताओं की पहचान करना और चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना सभी दलों की जिम्मेदारी है।
NationPress
09/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या एसआईआर अभियान से चुनाव पर असर पड़ेगा?
जी हां, एसआईआर अभियान चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता को सुनिश्चित करेगा और अयोग्य मतदाताओं की पहचान कर सही मतदाता सूची तैयार करेगा।
दिनाकर लंका का क्या कहना है?
दिनाकर लंका ने विपक्ष पर अयोग्य मतदाताओं पर निर्भरता का आरोप लगाया है और इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ बताया है।