क्या विपक्ष के एसआईआर प्रदर्शन पर एनडीए नेताओं का तंज सही है?
सारांश
Key Takeaways
- विपक्ष एसआईआर पर चर्चा की मांग कर रहा है।
- एनडीए नेता इसे बेवजह का मुद्दा मानते हैं।
- बिहार चुनाव के परिणाम ने विपक्ष की स्थिति को कमजोर किया है।
नई दिल्ली, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संसद के शीतकालीन सत्र का मंगलवार को दूसरा दिन है। विपक्ष मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा करने के लिए संसद परिसर में प्रदर्शन कर रहा है। दूसरी ओर, एनडीए के नेता विपक्ष पर बेवजह एसआईआर को मुद्दा बनाने का आरोप लगा रहे हैं।
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के संयोजक एवं राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने पत्रकारों से संवाद करते हुए कहा, "विपक्ष एसआईआर को बेवजह का मुद्दा बना रहा है। कांग्रेस, राजद और अन्य विपक्षी दलों ने बिहार चुनाव को देखा है। एसआईआर तो कहीं से मुद्दा ही नहीं है। वे वोटचोरी का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन ऐसा हो रहा है? बिहार में चुनाव हो गया, अगर किसी के वोट की चोरी होती, तो वह मतदान केंद्र पर जाकर बताता कि हमारा वोट यहाँ नहीं है। उस समय इस बात को माना जा सकता था कि वोट चोरी हुई है, लेकिन ऐसा एक भी उदाहरण नहीं आया। विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है, केवल अर्नगल बातें उठाई जा रही हैं। बिहार में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है, अब देश के अन्य राज्यों में भी उनका यही हाल होगा।"
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, "बिहार परिणाम आने के बाद विपक्ष के पास संसद का फ्लोर ही एकमात्र जगह है, जहाँ वे अपने आपको प्रासंगिक दिखा सकते हैं। बिहार की जनता ने जिस तरह विघटन की राजनीति के बजाय विकास की राजनीति को प्राथमिकता दी है, उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को स्वीकार्यता दी है। विपक्ष पर एक कहावत सही बैठती है कि 'खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे।'
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, "यह सब ड्रामा है और कुछ नहीं। जब बंगाल में चुनाव होते हैं, तो वोट चोरी नहीं होती; जब कर्नाटक में सरकार बनती है, तो वोट चोरी नहीं होती; जब हिमाचल प्रदेश में सरकार बनती है, तो वोट चोरी नहीं होती। ये लोग बेशर्म हैं और लोकतंत्र पर धब्बा हैं।"
बिहार सरकार के मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा, "विपक्ष बेशर्मी से एसआईआर की बात करता है। जब बिहार में एसआईआर लागू हुआ था, तब सात करोड़ से ज्यादा वोटरों ने इसे माना था, और माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी इसकी पूरी तरह से समीक्षा की थी और एसआईआर को सही पाया था। इसके बाद भी, यदि कांग्रेस और विपक्ष लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ काम करते रहे और अपनी आवाज उठाते रहे, तो लोग कांग्रेस और 'इंडी' अलायंस को कभी माफ नहीं करेंगे।"
दूसरी ओर, लखनऊ से उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा, "विपक्ष नहीं चाहता कि वोटर लिस्ट ठीक हो। बिहार में जो कुछ भी हुआ, उसमें एक भी व्यक्ति ने शिकायत नहीं की कि उनका वोट हटा दिया गया। जिनके पास सच में वोट थे, वे डाल पाए और बड़े पैमाने पर वोटर लिस्ट ठीक की गईं।"