क्या वधावन बंदरगाह परियोजना भारत को एक वैश्विक समुद्री शक्ति में बदल देगी?

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क्या वधावन बंदरगाह परियोजना भारत को एक वैश्विक समुद्री शक्ति में बदल देगी?

सारांश

मुंबई में आयोजित 'इंडिया मैरीटाइम वीक 2025' में सीएम देवेंद्र फडणवीस ने वधावन बंदरगाह परियोजना की महत्वता का उल्लेख किया। यह परियोजना न केवल महाराष्ट्र के समुद्री क्षेत्र के विकास में सहायक होगी, बल्कि भारत को वैश्विक समुद्री शक्ति बनाने की दिशा में भी कदम बढ़ाएगी।

Key Takeaways

  • वधावन बंदरगाह भारत को वैश्विक समुद्री शक्ति बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • महाराष्ट्र जहाज निर्माण नीति 2025 का उद्देश्य जहाज निर्माण क्षेत्र को मजबूत करना है।
  • भारत सरकार ने इसे 'भारत का समुद्री क्षण' बताया है।
  • यह परियोजना वैश्विक व्यापार में भारत को एक नई पहचान दिलाएगी।
  • महाराष्ट्र के समुद्री क्षेत्र में अपार अवसर उभरेंगे।

मुंबई, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को 'इंडिया मैरीटाइम वीक 2025' का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बंदरगाह के निर्माण के साथ, महाराष्ट्र के समुद्री क्षेत्र में बेजोड़ अवसर सामने आ रहे हैं।

सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समुद्री विजन और अमृत काल में परिकल्पित बंदरगाह-आधारित विकास मॉडल एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में हमने अपनी रणनीतिक और समुद्री क्षमताओं को मजबूत करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है, खासकर लॉजिस्टिक्स और ब्लॉकचेन क्षेत्रों में। इसे और अधिक प्रोत्साहित करने के लिए, महाराष्ट्र ने हाल ही में महाराष्ट्र जहाज निर्माण नीति 2025 की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य जहाज निर्माण क्षेत्र के लिए एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करना है।

सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि महाराष्ट्र को इस प्रतिष्ठित आयोजन की मेज़बानी का अवसर प्रदान करने के लिए भारत सरकार का आभार। भारत का सबसे बड़ा वधावन बंदरगाह जब पूरा होगा, तो इसे विश्व के शीर्ष 10 बंदरगाहों में गिना जाएगा। यह ऐतिहासिक परियोजना भारत को एक वैश्विक समुद्री शक्ति में परिवर्तित कर देगी और राष्ट्र को वैश्विक व्यापार और आपूर्ति श्रृंखला नेटवर्क में मजबूती से जोड़ देगी।

उन्होंने कहा कि हाल ही में 'महाराष्ट्र जहाज निर्माण नीति 2025' का शुभारंभ किया गया है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समुद्री अमृत काल विजन 2047 के अनुसार तैयार की गई है। यह मजबूत जहाज निर्माण ढांचे के साथ भारत के समुद्री विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत करेगा और वैश्विक व घरेलू निवेशकों को आकर्षित करेगा। प्रधानमंत्री मोदी के विजन और भारत सरकार के समर्थन से महाराष्ट्र, भारत के समुद्री पुनरुत्थान की दिशा में आगे बढ़ता रहेगा।

इस दौरान केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने इस सप्ताह को 'भारत का समुद्री क्षण' बताया। उन्होंने बताया कि गेटवे ऑफ इंडिया, जो हमेशा से मुंबई की समृद्ध समुद्री विरासत का प्रतीक रहा है, अब 'गेटवे ऑफ द वर्ल्ड' बनने के बड़े विजन को प्रेरित करेगा। अमित शाह ने आगे कहा कि वधावन बंदरगाह अपने पहले दिन से ही अनंत अवसरों और संभावनाओं के द्वार खोलेगा।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत, केंद्रीय राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर, उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री अजित पवार उपस्थित थे।

Point of View

यह स्पष्ट है कि वधावन बंदरगाह परियोजना भारत के समुद्री क्षमताओं को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल आर्थिक विकास में सहायक होगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत के व्यापारिक संबंधों को भी मजबूत करेगी।
NationPress
27/10/2025

Frequently Asked Questions

वधावन बंदरगाह परियोजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
वधावन बंदरगाह परियोजना का मुख्य उद्देश्य महाराष्ट्र के समुद्री क्षेत्र को विकसित करना और भारत को वैश्विक समुद्री शक्ति में बदलना है।
महाराष्ट्र जहाज निर्माण नीति 2025 का क्या महत्व है?
यह नीति जहाज निर्माण क्षेत्र में सभी ऑपरेटरों और निवेशकों के लिए एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र बनाने का लक्ष्य रखती है।
भारत सरकार ने इस परियोजना को लेकर क्या कहा है?
भारत सरकार ने इस परियोजना को 'भारत का समुद्री क्षण' बताया और इसे वैश्विक व्यापार के लिए महत्वपूर्ण बताया है।
क्या वधावन बंदरगाह भारत के अन्य बंदरगाहों के मुकाबले बेहतर होगा?
बिल्कुल, वधावन बंदरगाह जब पूरा होगा तो यह विश्व के शीर्ष 10 बंदरगाहों में स्थान बना लेगा।
इस परियोजना से महाराष्ट्र को क्या लाभ होगा?
इससे महाराष्ट्र के समुद्री क्षेत्र में अपार अवसर उभरेंगे और आर्थिक विकास को गति मिलेगी।