क्या वर्धा में गैरकानूनी ड्रग्स फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है?
सारांश
Key Takeaways
- डीआरआई ने वर्धा में एक बड़ी ड्रग्स फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया।
- 128 किलो मेफेड्रोन और 245 किलो प्रीकर्सर केमिकल जब्त हुआ।
- तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए, जिनमें मास्टरमाइंड शामिल है।
- यह ऑपरेशन नशा मुक्त भारत अभियान का हिस्सा है।
- डीआरआई की निरंतर निगरानी और प्रयासों की महत्ता।
वर्धा, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) ने 'ऑपरेशन हिंटरलैंड ब्रू' के तहत महाराष्ट्र के वर्धा में एक गैरकानूनी ड्रग्स फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। टीम ने वर्धा में एक गुप्त मेफेड्रोन बनाने वाली फैक्ट्री को सफलतापूर्वक बंद कर दिया है।
7 और 8 दिसंबर को किए गए इस ऑपरेशन में 128 किलो मेफेड्रोन जब्त किया गया, जिसकी कीमत लगभग 192 करोड़ रुपए आंकी गई है। इसके साथ ही 245 किलो प्रीकर्सर केमिकल, कच्चा माल और एक पूरा प्रोसेसिंग सेटअप भी बरामद हुआ।
जानकारी के अनुसार, डीआरआई अधिकारियों ने वर्धा से करीब 60 किमी दूर करंजा (घाडगे) में झाड़ियों से ढके क्षेत्र में गुप्त निगरानी की और फिर सर्च ऑपरेशन चलाया। ऑपरेशन के दौरान, अधिकारियों को एक पूरी तरह से काम करने वाला सिंथेटिक ड्रग प्रोसेसिंग सेटअप मिला, जिसमें मेफेड्रोन बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले मेकशिफ्ट रिएक्टर, वेसल और अन्य उपकरण शामिल थे। जब्त किए गए सामान में तैयार उत्पाद और इसे बनाने के लिए आवश्यक प्रीकर्सर केमिकल दोनों शामिल थे।
यह गैरकानूनी फैक्ट्री जानबूझकर स्थानीय लोगों द्वारा बनाई गई थी ताकि वे गांव के माहौल में घुल-मिल सकें और पकड़े न जाएं। मैन्युफैक्चरिंग यूनिट खुद एक टेम्पररी, मॉड्यूलर, आम संरचना थी जो झाड़ियों के बीच छिपी हुई थी।
इस फैक्ट्री का संचालन करने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक मास्टरमाइंड भी शामिल है, जो फाइनेंसर और केमिस्ट का भी काम करता था। उन्हें एनडीपीएस एक्ट, 1985 के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया है।
इस ऑपरेशन के साथ, डीआरआई ने इस साल अब तक इंटेलिजेंस के आधार पर पांच खुफिया ड्रग मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी को समाप्त किया है। ये प्रयास डीआरआई की लगातार निगरानी, ऑपरेशनल एक्सीलेंस और सरकार के नशा मुक्त भारत अभियान के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं, जिससे नागरिकों को नारकोटिक और साइकोट्रोपिक सब्सटेंस के खतरे से बचाया जा सके।